एक्शन और बाप बेटी की इमोशनल जर्नी है ‘शिवाय’

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 फिल्म का नाम: शिवाय
डायरेक्टर: अजय देवगन
स्टार कास्ट: अजय देवगन, एरिका कार , अबिगेल , साएशा सहगल, गिरीश कर्नाड, सौरभ शुक्ला, वीर दास

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अभिनेता अजय देवगन ने साल 1994 में आई फिल्म ‘मैडम एक्स’ में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया था और अजय ‘द अवेकनिंग’ जैसी शॉर्ट फिल्म के एडिटर साथ ही 2008 में आई फिल्म ‘यू मी और हम’ के डायरेक्टर भी थे और अब लगभग 8 साल बाद अजय देवगन की डायरेक्टर और एक्टर के तौर पर फिल्म ‘शिवाय’ रिलीज होने को तैयार है, आइये पता करते हैं की आखिर कैसी है फिल्म।

कहानी

फिल्म ‘शिवाय’ की कहानी भारत के हिमालयन रेंज से शुरू होती है जहां पर्वतारोहण का इंचार्ज शिवाय (अजय देवगन) है, शिवाय बड़ी-बड़ी चट्टानों और बर्फीले पहाड़ों पर फर्राटे से चढ़ जाया करता है, इसी बीच शिवाय की मुलाकात ओल्गा (एरिका कार) से होती है, जो भारत में कुछ दिनों के लिए है और पर्वतारोहण के दौरान शिवाय और ओल्गा के बीच प्रेम सम्बन्ध पनपने लगता है जिसका अंजाम ये होता है की ओल्गा प्रेग्नेंट हो जाती हैं और इन दोनों को गौरा (अबिगेल याम्स) नाम की बेटी होती है। फिर कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब गौरा बड़ी होती है और उसकी जिद की वजह से शिवाय उसे बुल्गारिया ले जाता है, लेकिन बुल्गारिया पहुंचते ही कहानी अलग ही दिशा में घूमने लगती है और कई सारी बातों का खुलासा होता है। अब ये कौन सी बातें हैं और आखिरकार क्या रिजल्ट आता है, इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चल सकेगा।

क्यों देखें
फिल्म में बहुत ही उम्दा तरीके का एक्शन है, जिसका फिल्मांकन भी काफी दिलचस्प है और जिसकी थोड़ी झलक फिल्म के ट्रेलर में भी दिखाई गई है।
अजय देवगन की एंट्री का शॉट फिल्म में बहुत ही अलग तरह से शूट किया गया है जिसमें फिल्म का टाइटल ट्रैक भी सुनाई देता है और ऊर्जा से भरपूर शूटिंग है।
फिल्म की लोकेशंस और असीम बजाज की सिनेमाटोग्राफी लाजवाब है ,जिसकी वजह से दिल दहला देने वाले शॉट्स भी देखने को मिलते हैं और हॉलीवुड की फिल्मों की याद आ जाती है।
अजय देवगन और जूनियर एक्ट्रेस अबिगेल याम्स की एक्टिंग बेहतरीन है, वहीं सायशा सहगल को इस फिल्म की वजह से अगले प्रोजेक्ट्स के लिए काफी फायदा होगा। एरिका कार, वीर दास, गिरीश कर्नाड, सौरभ शुक्ला और बाकी कलाकारों का काम भी अच्छा है।
फिल्म के गाने और बैकग्राउंड स्कोर कहानी के संग-संग चलते हैं और फिल्मांकन को ज्यादा प्रभावशील बनाते हैं साथ ही संदीप श्रीवास्तव के लिखे कुछ डायलॉग्स, अजय देवगन के फैन्स को पसंद आ सकते हैं।

कमजोर कड़ियां
फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी इसका इंटरवल के बाद का हिस्सा है, जिसकी एडिटिंग बहुत सटीक की जानी चाहिए थे। सेकंड हाफ का स्क्रीनप्ले कमजोर है।
फिल्म में एरिका कार की मौजूदगी से इमोशनल सीन्स में इमोशन सिर्फ इकतरफा रह जाते हैं, अजय देवगन का शत प्रतिशत एफर्ट उनके सामने से सही रिएक्शन ना आ पाने की वजह से व्यर्थ रह जाता है।
सौरभ शुक्ला, गिरीश कर्नाड जैसे एक्टर्स को और भी ज्यादा कैश किया जा सकता था।




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