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-नई दिल्ली: शहीदे आजम भगत सिंह को लेकर पाकिस्तान से बड़ी खबर आ रही है. 23 साल की उम्र में भगत सिंह को जिस जुर्म के लिए फांसी दी उसके खिलाफ लाहौर हाई कोर्ट में आज से सुनवाई होगी. अर्जी में भगत सिंह को बेकसूर बताया गया है. जिस पर लाहौर हाईकोर्ट ने डिवीजन बेंच बनाई है जो मामले की सुनवाई करेगी.
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी. तीनों पर ब्रिटीश पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या का आरोप था. याचिकाकर्ता ने दलील दी है उस वक्त अंग्रेजों के राज में हत्या के 450 गवाहों की बिना सुने ही भगतसिंह को दोषी करार दे दिया गया था.
भगतसिंह और उसके वकील की दलीलें भी नहीं सुनी गई थी. याचिकाकर्ता इम्तियाज राशिद कुरैशी ने मांग की है कि भगतसिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे और अविभाजित भारत की आजादी की लड़ाई उन्होंने लड़ी थी. उनकी बहुत इज्जत भी है. इसलिए उनको बेकसूर करार दिया जाए.
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