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--नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के निजी गैरवित्तपोषित स्कूलों में नर्सरी प्रवेश के लिए चार वर्ष की अधिकतम आयु सीमा तय करने के आप सरकार के फैसले से प्रभावित बच्चे या उनके माता पिता अदालत की शरण में जा सकते हैं.
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--नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के निजी गैरवित्तपोषित स्कूलों में नर्सरी प्रवेश के लिए चार वर्ष की अधिकतम आयु सीमा तय करने के आप सरकार के फैसले से प्रभावित बच्चे या उनके माता पिता अदालत की शरण में जा सकते हैं.
न्यायमूर्ति मनमोहन ने यह टिप्पणी उस समय की जब दिल्ली सरकार के वकील ने 18 दिसंबर 2015 की अधिसूचना को चुनौती देने वाले तीन बच्चों को छूट देने पर सहमति जताई थी लेकिन अनुरोध किया कि छूट को ‘‘अन्य के लिए मिसाल’’ नहीं माना जाना चाहिए.
इसके बाद अदालत ने कहा, ‘‘जो आएगा हम उनकी चिंताओं पर गौर करेंगे. मै इस मुद्दे को बंद नहीं कर सकता. अगर कल कोई और आता है तो मुझे उसे सुनना होगा. कानून बराबर तरीके से लागू होना चाहिए. मैं यह नहीं कह सकता कि अगर कोई और आता तो मैं याचिका विचारार्थ स्वीकार नहीं करूंगा.’’
इस बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि वह आप सरकार द्वारा निजी स्कूलों में शुरूआती स्तर के प्रवेश को लेकर हटाए गए 62 मानदंडों में से केवल 10 या 11 पर ही अंतरिम आदेश देगा.
न्यायमूर्ति मनमोहन ने कल स्कूलों से पूछा था कि क्या वे अपनी अपील केवल कुछ मानदंडों तक सीमित रखने के इच्छुक हैं क्योंकि आवेदन प्रक्रिया पांच फरवरी को पूरी हो जाएगी.
स्कूलों ने अदालत की इस सलाह पर सहमति जताई थी.
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