कोर्ट ने कहा, शव जलाने से प्रदूषण

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-नई दिल्ली: द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सलाह को चुनौती दी. उन्होंने कहा कि चिता तो लकड़ी से ही जलेगी.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कल लकड़ी से शव जलाने की प्रथा को प्रदूषण की वजह बताते हुए पर्यावरण मंत्रालय और दिल्ली सरकार से वैकल्पिक तरीके खोजने के लिए कहा था.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि शवदाह गृहों से होने वाले प्रदूषण को कम करने की कोशिश हो.
सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी आगरा के ताजमहल के आस-पास प्रदूषण पर नियंत्रण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान की. आज केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वकील ने अदालत को शवदाह पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में चल रही सुनवाई के बारे में बताया. वकील ने कहा कि एनजीटी ने सरकार को लड़की से शवों को जलाने के दौरान होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कहा है. इस पर अदालत ने कहा कि पूरे देश में इस तरह की कोशिश होनी चाहिए. हालांकि ये सिर्फ एक टिप्पणी थी, कोई आदेशन नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों ताजमहल के नज़दीक बिजली के ज़रिये शवदाह को बढ़ावा देने का आदेश दिया था.

 

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