-भोजन में स्वास्थ्यवर्धक वसा को शामिल कर ऐसे लाखों लोगों को हृदयरोग से मौत के खतरे से बचाया जा सकता है. एक नए शोध में यह बात सामने आई है. अमेरिका की टफ्स यूनिवर्सिटी में हुए इस शोध में वैज्ञानिकों ने वैश्विक हृदय रोग के कारणों का पॉलीअनसेचुरेटेड फैट और सेचुरेटेड फैट के मध्य संबंधों का अध्ययन किया है.
पॉलीअनसेचुरेटेड वसा में सोयाबीन, मक्का, सूरजमुखी तेल, टोफू, नट, बीज और वसायुक्त मछली आदि आते हैं. पॉलीअनसचुरेटेड फैट रक्त में हानिकारक कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को घटाता है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा कम होता है.
वहीं सैचुरेटेड फैट में मक्खन केक, बिस्कुट, मांस, सॉस, पनीर, और अन्य तैलीय खाद्य पदार्थ शामिल हैं.
इस अध्ययन के लेखक डॉरियश मोजाफैरियन ने बताया, “दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ सैचुरेटेड फैट को घटाने की ओर प्रयासरत हैं. सैचुरेटेड फैट के स्थान पर पॉलीअनसैचुरेटेड फैट का सेवन हृदयरोग से होने वाली मृत्यु को कम करने में सक्षम है.”
यह शोध पत्रिका ‘अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन’ में प्रकाशित हुआ है.
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