--
latest hindi news update by police prahari news
-- Sponsored Links:-
देश विदेश: आपको बता दें कि रूसी खुफिया एजेंसी केजीबी के पूर्व एजेंट लित्विनेंको की 2006 में लंदन के प्लस मिलेनियम होटल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी. फॉरेंसिक जांच में पता चला था कि लित्विनेंको की चाय में पोलोनियम-210 नाम का रेडियो एक्टिव जहर मिलाई गया था.
कई साल तक चली जांच के बाद अब ब्रिटिश जांच आयोग ने खुलासा किया है कि लित्विनेंको की हत्या को ‘शायद’ राष्ट्रपति पुतिन ने मंज़ूरी थी क्योंकि लित्विनेंको पुतिन के घोर आलोचक थे और उनसे पुतिन की बनती नहीं थी. पुतिन की वजह से लित्विनेंको को रूस छोड़ना पड़ा था.
रेडियोधर्मी पोलोनियम -210 दिये जाने के कुछ दिन बाद रूसी संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) या खुफिया पुलिस के 43 साल के पूर्व एजेंट लित्विनेंको की मौत हो गयी थी. माना जाता है कि उन्हें यह रेडियोधर्मी पदार्थ चाय में मिलाकर दिया गया था. हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रोबर्ट ओवेन की 328 पन्नों की रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि लिटविनेंको की मौत का क्रेमलिन के शीषर्तम स्तरों से ठोस संबंध है.
ओवेन ने कहा कि अदालत में रखे गए खुले सबूतों से इस बात का दृढ़ परिस्थितिजन्य मामला बनता है कि रूस इस हत्या के पीछे था.
लेकिन विशाल मात्रा में गोपनीय खुफिया सबूतों समेत सारे सबूतों से वह इस निष्कर्ष पर भी पहुंचे कि लिटविनंेको की हत्या के अभियान को संभवत: (निकोलाई) पातृशेव (2006 में इस सुरक्षा सेवा के प्रमुख) और राष्ट्रपति पुतिन ने भी मंजूरी दी. अपनी हत्या के समय लिटविनेंको ब्रिटिश खुफिया सेवा एम आई 16 और स्पेनिश खुफिया एजेंसी के लिए भी काम कर रहे थे और रूसी संगठित अपराध नेटवर्कों एवं क्रेमलिन के साथ उनके संबंधों के बारे में सूचनाएं पहुंचा रहे थे. वह शीघ्र ही कई सुनवाइयों में अहम गवाह बनने वाले थे.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि डाउनिंग स्ट्रीट निष्कर्षों को बहुत ही गंभीरता से ले रहा है और प्रधानमंत्री ने उन्हें बहुत ही परेशानी में डालने वाला पाया है.
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह निष्कर्ष कि इस हत्या के लिए रूस में शीषर्तम स्तर पर मंजूरी दी गयी थी, बहुत ही परेशानी में डालने वाला है. यह किसी भी देश के लिए, चाहे वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य ही क्यों न हो, बर्ताव का तरीका नहीं है. अफसोस है कि हम या पिछली सरकार जो विश्वास करती थी, ये निष्कर्ष उसी की पुष्टि करते हैं. ’’ उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में रूस के विरूद्ध उठाए गए कदम तो बने हुए हैं और ‘जांच के निष्कषरें के आलोक में हम इस पर विचार कर रहे हैं कि हमें और क्या कार्रवाई करनी चाहिए.’
उधर मास्को में रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा, ‘‘हमें अफसोस है कि एक विशुद्ध आपराधिक मामले का राजनीतिकरण किया गया और द्विपक्षीय संबंधों के माहौल पर काली छाया पड़ने दी गयी. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास यह उम्मीद करने का कोई कारण नहीं था कि राजनीतिक रूप से प्रेरित और बिल्कुल ही गैर पारदर्शी प्रक्रिया, जिसमें पूर्व निर्धारित और जरूरत वाले नतीजे के लिए छेड़छाड़ की गयी, के अंतिम निष्कर्ष अचानक वस्तुनिष्ट और निष्पक्ष हो.’’ ब्रिटेन की गृह मंत्री थेरेसा ने इस निष्कर्ष पर आज हाउस ऑफ कामंस में कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला और अस्वीकार्य उल्लंघन है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह निष्कर्ष कि संभवत: रूस लित्विनेंको की हत्या में शामिल था, बिल्कुल परेशानी में डालने वाला है.’’ उन्होंने कहा कि दो हत्यारों को न्याय के कठघरे में लाने में रूस की निरंतर विफलता अस्वीकार्य है तथा इन दोनों के लिए इंटरपोल नोटिस एवं यूरोपीय गिरफ्तारी वारंट यथावत हैं.
-- Sponsored Links:-
0 comments:
Post a Comment