PAK से तनातनी के बीच दरगाह का बड़ा फैसला

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 बरेली : सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बॉर्डर पर पाकिस्तान से तनातनी के बीच आला हजरत दरगाह ने बड़ा फैसला किया है। उड़ी हमले के बाद से भारत-पाक तनाव को देखते हुए दरगाह ने 24 नवंबर को होने वाले उर्स में पाकिस्तानी धर्मगुरुओं को बुलावा नहीं भेजा है।

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पाकिस्तान के उलमा को उर्स का दावतनामा नहीं

बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार किए जा रहे सीजफायर से भारत के कई जवान शहीद हो गए है. जिसे लेकर देश में छायी नाराजगी के बीच दरगाह आला हजरत प्रशासन ने इस महीने के अंत में शुरू हो रहे सालाना उर्स में शिरकत के लिये पाकिस्तान के उलमा (धर्मगुरुओं) को निमंत्रण नहीं दिया है.

पाकिस्तान के उलमा को नहीं बुलाने का फैसला

दरगाह आला हजरत प्रबन्धन के पदाधिकारी नासिर कुरैशी ने बताया कि आगामी 24 नवम्बर को शुरू हो रहे आला हजरत इमाम अहमद रजा खान फाजिले बरेलवी के उर्स में इस बार पाकिस्तान के उलमा को नहीं बुलाने का फैसला किया गया है।

लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है पाकिस्तान

उन्होंने बताया कि दरगाह आला हजरत उर्स प्रबंधन को डर है कि अगर उसके निमंत्रण पत्र का किसी अवांछनीय व्यक्ति ने दुरुपयोग कर वीजा प्राप्त कर लिया और देश में कोई वारदात कर दी तो इससे जानमाल का नुकसान तो होगा ही, दरगाह की भी बदनामी हो सकती है। साथ ही पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है, इसलिए भी पाकिस्तान के उलमा को ना बुलाने का फैसला किया गया है।

बड़ी संख्या में भाग लेने आ रहे हैं उलमा

दरगाह आला हजरत के प्रवक्ता मुफ्ती मुहम्मद सलीम नूरी ने बताया कि तीन दिवसीय उर्स कार्यक्रम में देश के अलावा मॉरीशस, ब्रिटेन, दुबई, ओमान, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, सऊदी अरब, श्रीलंका, मलावी तथा जिम्बाब्वे से बड़ी संख्या में उलमा भाग लेने आ रहे हैं।



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