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प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर ने कहा कि ‘बीसीसीआई तीन दिसंबर तक इंग्लैंड के खिलाफ चलने वाली श्रृंखला के अन्य मैचों के लिए भी इतनी ही राशि खर्च कर सकता है।’ बीसीसीआई को खर्च करने की इजाजत देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह राशि राजकोट या सौराष्ट्र क्रिकेट संघ को भुगतान के लिए जारी नहीं की गई है, बल्कि बीसीसीआई के साथ हुए करार के तहत खिलाड़ियों के भत्ते, बीमा राशि और तीसरे अंपायर के वेतन के लिए जारी की गई है। इससे पहले बीसीसीआई राज्य क्रिकेट संघों को कोष के वितरण के लिए आज सुप्रीम कोर्ट की शरण में गया था और कहा था कि ‘अगर कोष का वितरण नहीं हुआ तो भारत और इंग्लैंड के बीच कल से राजकोट में शुरू हो रहा पहला क्रिकेट टेस्ट रद्द हो जाएगा।’ बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि ‘कल से शुरू हो रहे टेस्ट मैच में आयोजन को लेकर समस्या है। हम कोष जारी नहीं कर सकते। यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है जिसमें राज्य क्रिकेट संघों को शपथ पत्र देने को कहा गया है कि वे लोढा समिति की सिफारिशों को मानेंगे। अब तक ऐसा नहीं किया गया है।’ हालांकि से बात करते हुए बीसीसीआई के वकील ने पहले ही साफ कर दिया था कि, ‘बीसीसीआई की मांग खिलाड़ियों की पेमेंट, बीमा, होटल खर्च, तीसरे अंपायर के पेमेंट जैसी चीजों के लिए फंड जारी करना है. सौराष्ट्र क्रिकेट संघ को पैसे जारी करने की मांग नहीं की जा रही है।’
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल
बोर्ड (बीसीसीआई) को इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में होने वाले पहले टेस्ट
मैच के लिए 58.66 लाख रुपये खर्च करने की इजाजत दे दी। भारत और इंग्लैंड के
बीच बुधवार से राजकोट में शुरू होने वाले मैच से पांच मैचों की टेस्ट
श्रृंखला शुरू हो रही है।
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प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर ने कहा कि ‘बीसीसीआई तीन दिसंबर तक इंग्लैंड के खिलाफ चलने वाली श्रृंखला के अन्य मैचों के लिए भी इतनी ही राशि खर्च कर सकता है।’ बीसीसीआई को खर्च करने की इजाजत देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह राशि राजकोट या सौराष्ट्र क्रिकेट संघ को भुगतान के लिए जारी नहीं की गई है, बल्कि बीसीसीआई के साथ हुए करार के तहत खिलाड़ियों के भत्ते, बीमा राशि और तीसरे अंपायर के वेतन के लिए जारी की गई है। इससे पहले बीसीसीआई राज्य क्रिकेट संघों को कोष के वितरण के लिए आज सुप्रीम कोर्ट की शरण में गया था और कहा था कि ‘अगर कोष का वितरण नहीं हुआ तो भारत और इंग्लैंड के बीच कल से राजकोट में शुरू हो रहा पहला क्रिकेट टेस्ट रद्द हो जाएगा।’ बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि ‘कल से शुरू हो रहे टेस्ट मैच में आयोजन को लेकर समस्या है। हम कोष जारी नहीं कर सकते। यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है जिसमें राज्य क्रिकेट संघों को शपथ पत्र देने को कहा गया है कि वे लोढा समिति की सिफारिशों को मानेंगे। अब तक ऐसा नहीं किया गया है।’ हालांकि से बात करते हुए बीसीसीआई के वकील ने पहले ही साफ कर दिया था कि, ‘बीसीसीआई की मांग खिलाड़ियों की पेमेंट, बीमा, होटल खर्च, तीसरे अंपायर के पेमेंट जैसी चीजों के लिए फंड जारी करना है. सौराष्ट्र क्रिकेट संघ को पैसे जारी करने की मांग नहीं की जा रही है।’
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