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विदेश कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि फायरिंग में एक महिला सहित तीन आम लोगों की मौत हो गई जबकि पांच साल के एक बच्चे सहित चार अन्य घायल हो गए। दूसरी ओर, सिंह ने नियंत्रण रेखा से सटे पुंछ जिले की कृष्णा घाटी और पुंछ सेक्टरों में पिछले हफ्ते पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से ‘‘बिना उकसावे’’ की फायरिंग, जिसमें भारतीय थलसेना के दो जवान शहीद हो गए और पांच अन्य जख्मी हो गए, पर भारत की तरफ से कड़ा विरोध जताया. बयान में कहा गया, ‘‘महानिदेशक ने भारतीय पक्ष से वर्ष 2003 के संघषर्विराम समझौते का सम्मान करने, लगातार हो रहे संघषर्विराम उल्लंघन की घटनाओं की जांच करने, संघषर्विराम समझौते का अक्षरश: पालन करने, गांवों और नागरिकों को निशाना बनाना बंद करने और नियंत्रण रेखा पर शांति कायम रखने की अपील की।’’ बीते 25, 26, 28 अक्तूबर और एक नवंबर को भी संघषर्विराम के कथित उल्लंघनों के बाद विदेश कार्यालय ने भारतीय उप-उच्चायुक्त सिंह को तलब किया था। विदेश सचिव ऐजाज चौधरी ने 27 अक्तूबर को भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले को विदेश मंत्रालय में तलब किया था और उन्हें पाकिस्तान सरकार द्वारा भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी को ‘अवांछित व्यक्ति’ करार देने के फैसले की जानकारी दी थी।
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नई दिल्ली : सर्जिकल स्ट्राइक से बौखलाया पाकिस्तान अब चोरी के बाद
सीनाजोरी पर उतर आया है। पाकिस्तान लगतार सीमा पर संघर्ष विराम का
उल्लंघन कर रहा है। भारत ने जब इसकी शिकायत पाकिस्तान से की तो पाकिस्तान
ने उल्टे भारतीय उप-उच्चायुक्त जे पी सिंह को ही तलब कर लिया। जेपी सिंह ने
एलओसी पर पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से ‘‘बिना उकसावे’’ की फायरिंग पर
विरोध जताया। पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से ‘‘बिना उकसावे’’ की फायरिंग में
भारतीय सैनिकों सहित आम लोगों की भी जान गई है। बीते दो हफ्ते में ऐसा
पांचवीं बार हुआ है कि भारतीय उप-उच्चायुक्त जे पी सिंह को यहां विदेश
कार्यालय में तलब किया गया। अपनी इस कायराना हरकत पर पाकिस्तान के विदेश
कार्यालय ने कहा, ‘‘महानिदेशक (दक्षिण एशिया एवं सार्क): डॉ. मोहम्मद फैजल
ने आज भारतीय उप-उच्चायुक्त जे पी सिंह को तलब किया और भारतीय बलों की ओर
से कल नियंत्रण रेखा पर निकियल एवं जंदरोट सेक्टरों में बिना किसी उकसावे
के किए गए संघषर्विराम उल्लंघनों की कड़ी निंदा की।’’
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विदेश कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि फायरिंग में एक महिला सहित तीन आम लोगों की मौत हो गई जबकि पांच साल के एक बच्चे सहित चार अन्य घायल हो गए। दूसरी ओर, सिंह ने नियंत्रण रेखा से सटे पुंछ जिले की कृष्णा घाटी और पुंछ सेक्टरों में पिछले हफ्ते पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से ‘‘बिना उकसावे’’ की फायरिंग, जिसमें भारतीय थलसेना के दो जवान शहीद हो गए और पांच अन्य जख्मी हो गए, पर भारत की तरफ से कड़ा विरोध जताया. बयान में कहा गया, ‘‘महानिदेशक ने भारतीय पक्ष से वर्ष 2003 के संघषर्विराम समझौते का सम्मान करने, लगातार हो रहे संघषर्विराम उल्लंघन की घटनाओं की जांच करने, संघषर्विराम समझौते का अक्षरश: पालन करने, गांवों और नागरिकों को निशाना बनाना बंद करने और नियंत्रण रेखा पर शांति कायम रखने की अपील की।’’ बीते 25, 26, 28 अक्तूबर और एक नवंबर को भी संघषर्विराम के कथित उल्लंघनों के बाद विदेश कार्यालय ने भारतीय उप-उच्चायुक्त सिंह को तलब किया था। विदेश सचिव ऐजाज चौधरी ने 27 अक्तूबर को भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले को विदेश मंत्रालय में तलब किया था और उन्हें पाकिस्तान सरकार द्वारा भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी को ‘अवांछित व्यक्ति’ करार देने के फैसले की जानकारी दी थी।
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