--
-- --
--
सेक्सुअल एटिविटीज में 30 पर्सेंट तक कमी –
एक रिसर्च के मुताबिक, एयर पॉल्यूशन के कारण लोगों की सेक्स एक्टिविटीज भी कम हो रही हैं। फर्टिलिटी एक्सपर्ट के मुताबिक, एयर पॉल्यूशन के असर से सेक्सुअल एटिविटीज में 30 पर्सेंट तक की कमी आ सकती है। दिवाली के बाद दिल्ली में बीते 17 सालों में सबसे खराब हवा की गुणवत्ता मापी गई है।
बैड एयर क्वालिटी हार्मोंस के लिए खतरनाक –
दिल्ली के इंदिरा आईवीएफ चिकित्सालय में फर्टिलिटी एक्सपर्ट, सागरिका अग्रवाल ने कहा, हवा में बहुत सारे ऐसे तत्व हैं, जो सीधे तौर पर शरीर के हार्मोंस को प्रभावित करते हैं। अग्रवाल ने कहा कि पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) अपने साथ पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन लिए होते हैं। इसमें लेड, कैडमियम और मरकरी होते हैं, जो हार्मोन के संतुलन को प्रभावित करते हैं और शुक्राणुओं के लिए नुकसानदायक होते हैं।
मास्क है एकमात्र उपाय-
अग्रवाल के अनुसार, टेस्टोस्टोरोन या एस्ट्रोजन स्तर में कमी सेक्स इच्छा में कमी ला सकती है। इस तरह यह सेक्सुअललाइफ में बाधा पैदा कर सकती है। लेकिन फर्टिलिटी में इस बदलाव से बचने के लिए बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग करें।
इस बार पॉल्यूशन ने तोड़े सारे रिकॉर्ड-
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम2.5) में भारी वृद्धि देखी गई है। यह इंसान के बाल की तुलना में 30 गुना महीन होता है। उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद नवंबर में 500यूजी/एम3 मापक पैमाने पर एक रिकार्ड के साथ पीएम 2.5 शुरू हुआ और यह बाद के दिनों में 600 और 700 यूजी/एम3 रहा। यह सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मानदंड 250 यूजी/एम3 से कही ज्यादा है।
पुरुषों के शुक्राणुओं भी होते हैं प्रभावित-
शहर के एक आईवीएफ विशेषज्ञ, अरविंद वैद ने कहा कि पॉल्यूशन में सांस लेने से ब्लड में ज्यादा मात्रा में मुक्त कण एकत्रित हो जाते हैं। यह पुरुष में भी शुक्राणुओं की गुणवत्ता घटा सकते हैं।
--
Sponsored Links:-
नई दिल्लीः दिल्ली की खराब हवा का असर लोगों की हेल्थ पर खूब पड़ रहा है। आलम ये है कि इसका असर लोगों की निजी जिंदगी पर भी पड़ रहा है।
-- --
--
सेक्सुअल एटिविटीज में 30 पर्सेंट तक कमी –
एक रिसर्च के मुताबिक, एयर पॉल्यूशन के कारण लोगों की सेक्स एक्टिविटीज भी कम हो रही हैं। फर्टिलिटी एक्सपर्ट के मुताबिक, एयर पॉल्यूशन के असर से सेक्सुअल एटिविटीज में 30 पर्सेंट तक की कमी आ सकती है। दिवाली के बाद दिल्ली में बीते 17 सालों में सबसे खराब हवा की गुणवत्ता मापी गई है।
बैड एयर क्वालिटी हार्मोंस के लिए खतरनाक –
दिल्ली के इंदिरा आईवीएफ चिकित्सालय में फर्टिलिटी एक्सपर्ट, सागरिका अग्रवाल ने कहा, हवा में बहुत सारे ऐसे तत्व हैं, जो सीधे तौर पर शरीर के हार्मोंस को प्रभावित करते हैं। अग्रवाल ने कहा कि पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) अपने साथ पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन लिए होते हैं। इसमें लेड, कैडमियम और मरकरी होते हैं, जो हार्मोन के संतुलन को प्रभावित करते हैं और शुक्राणुओं के लिए नुकसानदायक होते हैं।
मास्क है एकमात्र उपाय-
अग्रवाल के अनुसार, टेस्टोस्टोरोन या एस्ट्रोजन स्तर में कमी सेक्स इच्छा में कमी ला सकती है। इस तरह यह सेक्सुअललाइफ में बाधा पैदा कर सकती है। लेकिन फर्टिलिटी में इस बदलाव से बचने के लिए बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग करें।
इस बार पॉल्यूशन ने तोड़े सारे रिकॉर्ड-
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम2.5) में भारी वृद्धि देखी गई है। यह इंसान के बाल की तुलना में 30 गुना महीन होता है। उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद नवंबर में 500यूजी/एम3 मापक पैमाने पर एक रिकार्ड के साथ पीएम 2.5 शुरू हुआ और यह बाद के दिनों में 600 और 700 यूजी/एम3 रहा। यह सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मानदंड 250 यूजी/एम3 से कही ज्यादा है।
पुरुषों के शुक्राणुओं भी होते हैं प्रभावित-
शहर के एक आईवीएफ विशेषज्ञ, अरविंद वैद ने कहा कि पॉल्यूशन में सांस लेने से ब्लड में ज्यादा मात्रा में मुक्त कण एकत्रित हो जाते हैं। यह पुरुष में भी शुक्राणुओं की गुणवत्ता घटा सकते हैं।
0 comments:
Post a Comment