--
-- --
--
याचिकर्ता का नाम संगम लाल पांडेय है उन्होंने इस याचिका में अचानक नोटों पर प्रतिबंध लगाने से आम जनता को हो रही कई समस्याओं को रेखांकित किया है। सरकार का तुगलकी फरमान करार देते हुए याचिकाकर्ता ने इस फैसले को जनता विरोधी और मनमाना करार देते हुए इसे रद्द करने के मांग की है। साथ ही यह भी कहा है कि वह किसानों, मजदूरों और जिनके घर में शादी पार्टी जैसे आयोजन है उन्हें पूरा करने के लिए सरकार उचित समयसीमा तय करे।
याचिकर्ता का नाम संगम लाल पांडेय है उन्होंने इस याचिका में अचानक नोटों पर प्रतिबंध लगाने से आम जनता को हो रही कई समस्याओं को रेखांकित किया है। सरकार का तुगलकी फरमान करार देते हुए याचिकाकर्ता ने इस फैसले को जनता विरोधी और मनमाना करार देते हुए इसे रद्द करने के मांग की है। साथ ही यह भी कहा है कि वह किसानों, मजदूरों और जिनके घर में शादी पार्टी जैसे आयोजन है उन्हें पूरा करने के लिए सरकार उचित समयसीमा तय करे।
बता दें कि याचिका मे कहा गया है कि देश में 9,10 और 11 नवंबर को हजारों शादियां होने वाली हैं लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद परेशानी बहुत बढ़ गई है। निजी अस्पतालों में 1000-500 के नोटों को लेने से मना किया जा रहा है। साथ ही लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी परेशानी हो रही है। वहीं किसानों के फसल कटने का समय होने के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है।
-- Sponsored Links:-
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 500 और 1000 के नोट प्रतिबंधित करने के बाद से ही
देश के आम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के इस फैसले
के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है।
-- --
--
याचिकर्ता का नाम संगम लाल पांडेय है उन्होंने इस याचिका में अचानक नोटों पर प्रतिबंध लगाने से आम जनता को हो रही कई समस्याओं को रेखांकित किया है। सरकार का तुगलकी फरमान करार देते हुए याचिकाकर्ता ने इस फैसले को जनता विरोधी और मनमाना करार देते हुए इसे रद्द करने के मांग की है। साथ ही यह भी कहा है कि वह किसानों, मजदूरों और जिनके घर में शादी पार्टी जैसे आयोजन है उन्हें पूरा करने के लिए सरकार उचित समयसीमा तय करे।
याचिकर्ता का नाम संगम लाल पांडेय है उन्होंने इस याचिका में अचानक नोटों पर प्रतिबंध लगाने से आम जनता को हो रही कई समस्याओं को रेखांकित किया है। सरकार का तुगलकी फरमान करार देते हुए याचिकाकर्ता ने इस फैसले को जनता विरोधी और मनमाना करार देते हुए इसे रद्द करने के मांग की है। साथ ही यह भी कहा है कि वह किसानों, मजदूरों और जिनके घर में शादी पार्टी जैसे आयोजन है उन्हें पूरा करने के लिए सरकार उचित समयसीमा तय करे।
बता दें कि याचिका मे कहा गया है कि देश में 9,10 और 11 नवंबर को हजारों शादियां होने वाली हैं लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद परेशानी बहुत बढ़ गई है। निजी अस्पतालों में 1000-500 के नोटों को लेने से मना किया जा रहा है। साथ ही लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी परेशानी हो रही है। वहीं किसानों के फसल कटने का समय होने के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है।
-- Sponsored Links:-
0 comments:
Post a Comment