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राहुल गांधी अपने तय कार्यक्रम से करीब 2 घंटे पीछे चल रहे हैं. उन्हें 3 बजे तक दिल्ली पहुंच जाना था। गौरतलब है राहुल को उसी बस से दिल्ली पहुंचना था, जिसमें सवार होकर उन्होंने उत्तर प्रदेश के 400 विधानसभा क्षेत्रों में से करीब 140 क्षेत्रों का दौरा किया।
राहुल गांधी की यात्रा के अंतिम पड़ाव के रूप में जंतर मंतर के पास एक रैली होगी, जिसमें दिल्ली और आसपास से करीब 500 बसों में भरकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के पहुंचने की उम्मीद है।
अपनी ‘किसान यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी को किसानों से मिलते जुलते देखा गया, जिनके बारे में उनका दावा है कि उनकी मांगें वो उद्योगपतियों की हितैषी केंद्र सरकार के सामने जोरशोर से उठा रहे हैं। किसानों के साथ उनकी खाट सभाओं का भी आयोजन किया गया था। जिसने खूब सुर्खियां भी बटोरीं क्योंकि शुरुआती बैठकों में किसान बैठक के बाद खाट उठाकर अपने साथ ही ले गए थे।
राहुल गांधी ने कहा कि संसद के अगले सत्र में वह सरकार के समाने किसनों का ऋण माफ करने और बिजली के दामों में छूट दिलाने की मांग उठाएंगे।
उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में चुनाव होने हैं, हालांकि अभी तक तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। राहुल गांधी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रचार की कमान संभाली थी, जिसमें कांग्रेस को अपने सबसे बुरे नतीजों का सामना करना पड़ा। उसके बाद तो कांग्रेस को असम और केरल जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में भी हार का मुंह देखना पड़ा, क्योंकि राहुल गांधी चुनाव में हार के ट्रेंड को उलट नहीं पाए।
राहुल गांधी से 3 साल छोटे अखिलेश यादव को फिर से यूपी का मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात हो रही है। 2012 में चुनाव हारने वाली दलित नेता और बसपा सुप्रीमो मायावती को भी आगामी चुनावों में वापसी की पूरी उम्मीद है। बीजेपी एकमात्र बड़ी पार्टी है जिसने अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस ने शीला दीक्षित को उम्मीदवार बनाया है जो 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
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नई दिल्ली: गुरुवार की शाम दिल्लीवालों को भारी ट्रैफिक जाम का
सामना करना पड़ा सकता है, क्योंकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर
प्रदेश की अपनी यात्रा खत्म कर राजधानी पहुंच गए हैं। गौरतलब है कि 2017
में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने यूपी में
किसान यात्रा का आयोजन किया था, जिसका गुरुवार को समापन है।
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राहुल गांधी अपने तय कार्यक्रम से करीब 2 घंटे पीछे चल रहे हैं. उन्हें 3 बजे तक दिल्ली पहुंच जाना था। गौरतलब है राहुल को उसी बस से दिल्ली पहुंचना था, जिसमें सवार होकर उन्होंने उत्तर प्रदेश के 400 विधानसभा क्षेत्रों में से करीब 140 क्षेत्रों का दौरा किया।
राहुल गांधी की यात्रा के अंतिम पड़ाव के रूप में जंतर मंतर के पास एक रैली होगी, जिसमें दिल्ली और आसपास से करीब 500 बसों में भरकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के पहुंचने की उम्मीद है।
अपनी ‘किसान यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी को किसानों से मिलते जुलते देखा गया, जिनके बारे में उनका दावा है कि उनकी मांगें वो उद्योगपतियों की हितैषी केंद्र सरकार के सामने जोरशोर से उठा रहे हैं। किसानों के साथ उनकी खाट सभाओं का भी आयोजन किया गया था। जिसने खूब सुर्खियां भी बटोरीं क्योंकि शुरुआती बैठकों में किसान बैठक के बाद खाट उठाकर अपने साथ ही ले गए थे।
राहुल गांधी ने कहा कि संसद के अगले सत्र में वह सरकार के समाने किसनों का ऋण माफ करने और बिजली के दामों में छूट दिलाने की मांग उठाएंगे।
उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में चुनाव होने हैं, हालांकि अभी तक तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। राहुल गांधी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रचार की कमान संभाली थी, जिसमें कांग्रेस को अपने सबसे बुरे नतीजों का सामना करना पड़ा। उसके बाद तो कांग्रेस को असम और केरल जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में भी हार का मुंह देखना पड़ा, क्योंकि राहुल गांधी चुनाव में हार के ट्रेंड को उलट नहीं पाए।
राहुल गांधी से 3 साल छोटे अखिलेश यादव को फिर से यूपी का मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात हो रही है। 2012 में चुनाव हारने वाली दलित नेता और बसपा सुप्रीमो मायावती को भी आगामी चुनावों में वापसी की पूरी उम्मीद है। बीजेपी एकमात्र बड़ी पार्टी है जिसने अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस ने शीला दीक्षित को उम्मीदवार बनाया है जो 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
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