लखनऊ : मेरठ के मेडिकल अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही की वजह से 10 माह की नवजात बच्ची की आंखों रौशनी चली गई। पीड़ित परिवार ने पुलिस और मेडिकल प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। जिसके बाद अब पुलिस अधिकारीयों ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिया है।
दरअसल, हापुड़ निवासी आफताब के घर 10 माह पूर्व नन्ही परी ने जन्म लिया। बच्ची जन्म से ही निमोनिया की बिमारी थी। नन्ही फलक के इलाज के लिए आफ़ताब ने कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला। बाद में आफ़ताब ने फलक को मेडिकल अस्पताल में डॉ अमित उपाध्याय को दिखाया।
फलक की हालत को देखते हुए डॉक्टर अमित ने फलक को भर्ती कर लिया। इसी दौरान किसी गलत दवाई के चलते फलक की आँखों की रौशनी चली गई। परिजनों ने यह भी बताया कि फलक की आँखों की रौशनी चली जाने के बाद उन्होंने हैदराबाद, दिल्ली समेत कई बड़े डॉक्टरों से इलाज कराया लेकिन कही कोई फायदा नहीं मिला।
फलक के इलाज में उन्होंने लाखों रुपये बर्बाद कर दिए लेकिन फलक की जिंदगी हमेशा के लिए बेरंगी हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉ अमित से फलक के सभी चेकअप कराए लेकिन आँखों का कोई चैकअप नहीं कराया। अब परिजनों ने डॉ अमित पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मेडिकल प्रशासन से शिकायत की।
परिजनों की शिकायत पर मेडिकल बोर्ड ने डॉ अमित को दोषी पाया है। जिसके बाद परिजनों ने अब पुलिस से न्याय की गुहार लगाई। एसपी सिटी ने बताया कि हापुड़ निवासी आफ़ताब ने मेडिकल अस्पताल के डॉ अमित के खिलाफ एक शिकायत की है। जिसका संज्ञान लेते हुए आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर क़ानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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