नई दिल्ली : जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी के आरोपी उमर खालिद और उनके साथियों की गिरफ्तारी पर सस्पेंस बरकरार है. इस बीच उमर खालिद दिल्ली हाईकोर्ट में सरेंडर करने की याचिका फिर से दायर कर सकता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक उमर खालिद अपनी अर्जी पर जल्द से जल्द सुनवाई भी चाहता है. उमर खालिद के वकील ने कल शाम ही ऐसी अर्ज़ी दाखिल की थी, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के चलते अर्ज़ी दायर नहीं हो पायी।
आपको बता दें कि जेएनयू कांड के तूल पकड़ने के बाद फरार हुआ उमर खालिद रविवार की देर रात जेएनयू कैंपल लौट आया, उसे गिरफ्तार करने के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर पुलिस का भारी दल-बल तैनात है, लेकिन कैंपस में घुसने के लिए पुलिस जेएनयू वीसी की इजाज़त का इंतजार कर रही है.
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बीएस बस्सी का कहना है कि छात्र खुद से सरेंडर कर दें, और अगर वे सरेंडर नहीं करते हैं तो पुलिस के पास विकल्प खुले हैं.
मांगी सुरक्षा
उमर खालिद ने अपनी अर्जी में दिल्ली पुलिस से अपनी सुरक्षा की मांग की है. जानकारी के मुताबिक जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर कोर्ट परिसर में हुए हमले का हवाला देते हुए उमर खालिद ने अपनी सुरक्षा की मांग की है.
क्या है जेएनयू कांड
नौ फरवरी को जेएनयू में डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन की तरफ से अफ़ज़ल गुरु की बरसी पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. सांस्कृतिक संध्या के नाम पर आयोजित कार्यक्रम में कश्मीर की आजादी पर चर्चा होनी थी और अफजल गुरु से जुड़ी एक फिल्म भी दिखाई जानी थी. सांस्कृतिक संध्या के लिए के लिए पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इजाजत दी थी लेकिन कार्यक्रम शुरु होने से बीस मिनट पहले उसे रद्द कर दिया गया. बावजूद इसके डीएसयू के उमर खालिद की अगुवाई में कार्यक्रम हुआ और उसमें देश विरोधी नारे लगे. वहां मौजूद के लोगों ने इसका विरोध किया और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के खिलाफ नारेबाजी की.
कार्यक्रम के दौरान वहां पुलिस मौजूद थी लेकिन वो मूकदर्शक बनी रही.
ग्यारह फरवरी को बीजेपी सांसद महेश गिरी ने वसंतकुंज थाने जाकर FIR दर्ज करवाई. पुलिस ने अज्ञात लोगों पर धारा 124 A के तहत केस दर्ज किया. बारह फरवरी को जांच के लिए पुलिस जेएनयू पहुंची और छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
कन्हैया के अलावा FIR में कार्यक्रम के आयोजक उमर खालिद समेत पांच और लोगों के नाम हैं. दिल्ली पुलिस का दावा है कि उसके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि कन्हैया ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे.
15 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया की पेशी के दौरान वकीलों ने पत्रकारों और कोर्ट में मौजूद जेएनयू के छात्रों के साथ मारपीट की. कोर्ट में कन्हैया की पेशी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सख्त दिशा निर्देश के बावजूद 17 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट में फिर हंगामा हुआ. वकीलों ने पेशी के दौरान कन्हैया पर हमला किया. पत्रकारों के साथ भी बदसलूकी हुई.
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