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नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र की मंगलवार से हंगामेदार शुरुआत होने की संभावना बताई जा रही है जहां बड़े विपक्षी दल जेएनयू और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बना रहे हैं। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार पर अभिव्यक्ति और मतभेदों की आजादी पर सुनियोजित हमला छेड़ने का आरोप लगाया।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सत्र की हंगामेदार शुरुआत के संकेत मिले जहां विपक्ष ने सरकार पर ‘अवरोध के लिए एजेंडा तय करने’ का आरोप लगाया।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया ने संसद के सुचारू रूप से चलने की जिम्मेदारी सरकार पर डाली।
उन्होंने जेएनयू विवाद, दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी और पठानकोट आतंकी हमले जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए समान विचार वाले दलों को साथ लेने का इरादा साफ किया। दूसरी तरफ सरकार ने विपक्षी नेताओं को आश्वासन दिया कि उन्हें चिंता पैदा करने वाले किसी भी विषय पर चर्चा कराने में दिक्कत नहीं होगी।
संसदीय कार्य मंत्री नायडू ने कहा, ‘सरकार को भी अन्य किसी दल की तरह ही इन मुद्दों को लेकर पूरी फिक्र है और हम इन सभी पर विस्तृत चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’ विपक्षी नेताओं के साथ बैठक के बाद सुमित्रा महाजन ने उम्मीद जताई कि सदन सुचारू तरीके से चलेगा और कल कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में उन विषयों पर फैसला किया जाएगा, जिन पर चर्चा की जानी है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया।
सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच पहला टकराव 24 फरवरी को राज्यसभा में दिखाई दे सकता है जब सत्र का पहला कामकाजी दिन होगा और जेएनयू के मुद्दे को चर्चा के लिए लिया जा सकता है। विपक्ष जहां इस मामले में सरकार को घेरने के लिए तैयार है वहीं भाजपा के एक नेता के अनुसार पार्टी को लगता है कि वह इसे ‘देशभक्तों और राष्ट्रविरोधियों’ के बीच की बहस बनाकर फायदे में रह सकती है।
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लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सत्र की हंगामेदार शुरुआत के संकेत मिले जहां विपक्ष ने सरकार पर ‘अवरोध के लिए एजेंडा तय करने’ का आरोप लगाया।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया ने संसद के सुचारू रूप से चलने की जिम्मेदारी सरकार पर डाली।
उन्होंने जेएनयू विवाद, दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी और पठानकोट आतंकी हमले जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए समान विचार वाले दलों को साथ लेने का इरादा साफ किया। दूसरी तरफ सरकार ने विपक्षी नेताओं को आश्वासन दिया कि उन्हें चिंता पैदा करने वाले किसी भी विषय पर चर्चा कराने में दिक्कत नहीं होगी।
संसदीय कार्य मंत्री नायडू ने कहा, ‘सरकार को भी अन्य किसी दल की तरह ही इन मुद्दों को लेकर पूरी फिक्र है और हम इन सभी पर विस्तृत चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’ विपक्षी नेताओं के साथ बैठक के बाद सुमित्रा महाजन ने उम्मीद जताई कि सदन सुचारू तरीके से चलेगा और कल कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में उन विषयों पर फैसला किया जाएगा, जिन पर चर्चा की जानी है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया।
सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच पहला टकराव 24 फरवरी को राज्यसभा में दिखाई दे सकता है जब सत्र का पहला कामकाजी दिन होगा और जेएनयू के मुद्दे को चर्चा के लिए लिया जा सकता है। विपक्ष जहां इस मामले में सरकार को घेरने के लिए तैयार है वहीं भाजपा के एक नेता के अनुसार पार्टी को लगता है कि वह इसे ‘देशभक्तों और राष्ट्रविरोधियों’ के बीच की बहस बनाकर फायदे में रह सकती है।
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