हिंदूवादी संगठनों ने सीएम का फूंका पुतला

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विश्व हिंदू परिषद के महानगर उपाध्यक्ष अरुण माहौर की गुरुवार सुबह की गई हत्या के बाद शहर में शुक्रवार को भी बवाल हुआ। तीन बार भाजपाइयों और पुलिस के बीच तीखी झड़पें हुईं।

शाम को पुलिस ने भाजपाइयों पर लाठीचार्ज कर भाजपा जिलाध्यक्ष और महामंत्री समेत पांच को हिरासत में ले लिया। एक घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया। उधर, हिंदू संगठनों ने बोदला में प्रदेश सरकार और कलेक्ट्रेट में पुलिस के सामने ही एक� संप्रदाय का प्रतीकात्मक पुतला फूंक दिया। इससे शहर के संवेदनशील इलाकों में तनाव के हालात बन गए।

हिंदू संगठनों ने अरुण माहौर की हत्या के विरोध में सुबह 11 बजे राजापुर चुंगी पर जाम लगाने का प्रयास किया गया। उन्हें पुलिस ने बड़ी मुश्किल से रोका। इसके बाद बोदला में प्रदेश सरकार का पुतला फूंक दिया।

थोड़ी देर बाद ही सेंट जोंस चौराहे पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पुतला फूंकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनके मंसूबे पूरे नहीं होने दिए। सवा चार बजे पुलिस के सामने ही कलेक्ट्रेट पर एक संप्रदाय का पुतला फूंक दिया। इस दौरान एसपी ट्रैफिक आरके सिंह झुलसने से बाल-बाच बचे। जलता पुतला उनके बेहद करीब आकर गिरा।

उधर, पुलिस लाइन रोड स्थित भारद्वाज आश्रम एवं श्रीराम गऊशाला में अरुण माहौर की उठावनी के बाद उनकी मीरा हुसैनी स्थित दुकान खुलवाने के लिए भाजपाई कलेक्ट्रेट से चले ही थे कि पास के पुल पर पुलिस ने रोक लिया। उनकी पुलिस से तीखी झड़प हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा।

जिलाध्यक्ष अशोक राना और महामंत्री श्याम भदौरिया, विहिप के महानगर अध्यक्ष दीपक अग्रवाल, मंत्री राजीव शर्मा और हिंदू जागरण मंच के सुनील ठाकुर हिरासत में ले लिए गए। उन्हें एक घंटे बाद छोड़ा गया। उधर, इस बवाल के चलते शहर के संवेदनशील इलाकों में दिन भर तनाव व्याप्त रहा। सभी जगह पुलिस फोर्स लगाई गई है।

अभी और सख्ती बरतेगी पुलिस

एसएसपी डा. प्रीतिंदर सिंह का कहना है कि तोड़फोड़ और जाम लगाए जाने के मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस इनमें कड़ी कार्रवाई करेगी। लाठीचार्ज के सवाल पर उन्होंने कहा कि मंटोला जा रहे लोगों को सख्ती से रोका गया है। शांति बनाए रखने के लिए इस तरह की सख्ती और बढ़ाई जाएगी।

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