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क्राइम न्यूज़: ISIS, विद्रोही सेना और सीरियाई राष्ट्रपति की फौज के बीच जारी जंग में सीरिया के कई शहरों में लोग घास, कागज के गत्ते और पालतू और आवारा जानवरों तक को खाने के लिए मजबूर हैं.
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क्राइम न्यूज़: ISIS, विद्रोही सेना और सीरियाई राष्ट्रपति की फौज के बीच जारी जंग में सीरिया के कई शहरों में लोग घास, कागज के गत्ते और पालतू और आवारा जानवरों तक को खाने के लिए मजबूर हैं.
भूख मौत बन कर खड़ी हो गई
सीरिया के मडाया और इदलीब शहरों के अलावा करीब 15 इलाके ऐसे हैं, जहां इस वक्त करीब चार लाख लोगों के सामने भूख मौत बन कर खड़ी हो गई है. भूख ने इस शहर को इतना भूखा बना दिया कि जिंदा रहने के लिए लोगों को अपने ही पालतू कुत्ते और बिल्लियों तक को खाना पड़ा. अब तो पूरे शहर में कुत्ते और बिल्ली भी नहीं बचे.
सीरिया के मडाया और इदलीब शहरों के अलावा करीब 15 इलाके ऐसे हैं, जहां इस वक्त करीब चार लाख लोगों के सामने भूख मौत बन कर खड़ी हो गई है. भूख ने इस शहर को इतना भूखा बना दिया कि जिंदा रहने के लिए लोगों को अपने ही पालतू कुत्ते और बिल्लियों तक को खाना पड़ा. अब तो पूरे शहर में कुत्ते और बिल्ली भी नहीं बचे.
हजारों बच्चे घास और गत्ते खा रहे
इन लोगों को ना तो इलाके के बाहर निकलने की इजाजत है और ना ही किसी को बाहर से आने की. लिहाजा जिंदा रहने के लिए तमाम जरूरी चीजें जिनमें खाना, पानी दवाइयां शामिल हैं सभी इन लोगों से दूर हो गए. सीरिया पर हुकूमत को लेकर इन्हीं तीन लोगों की वजह से मुल्क के हजारों बच्चे घास और गत्ते खा कर किसी तरह खुद को जिंदा रखे हुए हैं. वैसे भूख से कितने मर गए ये पता लगाने वाले भी नहीं हैं.
इन लोगों को ना तो इलाके के बाहर निकलने की इजाजत है और ना ही किसी को बाहर से आने की. लिहाजा जिंदा रहने के लिए तमाम जरूरी चीजें जिनमें खाना, पानी दवाइयां शामिल हैं सभी इन लोगों से दूर हो गए. सीरिया पर हुकूमत को लेकर इन्हीं तीन लोगों की वजह से मुल्क के हजारों बच्चे घास और गत्ते खा कर किसी तरह खुद को जिंदा रखे हुए हैं. वैसे भूख से कितने मर गए ये पता लगाने वाले भी नहीं हैं.
तीन गुटों में हुकूमत कायम करने की लड़ाई
अबू बकर अल बगदादी , जिसकी गंदी जेहनियत की देन आईएसआईएस है. पूरी दुनिया में यह अपने हिसाब से इस्लाम के नाम पर अपनी हुकूमत चाहता है. सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद सालों से सीरिया की गद्दी पर अपनी पकड़ बनाने में लगे हैं. अपनी उसी हुकूमत को बचाने के लिए इन्होंने सीरिया को गृह युद्ध में झोंक रखा है. लेबनानी हिजबुल्ला गुट के लोग सीरियाई राष्ट्रपति की हुकूमत उखाड़ कर सीरिया में अपनी हुकूमत कायम करना चाहते हैं.
अबू बकर अल बगदादी , जिसकी गंदी जेहनियत की देन आईएसआईएस है. पूरी दुनिया में यह अपने हिसाब से इस्लाम के नाम पर अपनी हुकूमत चाहता है. सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद सालों से सीरिया की गद्दी पर अपनी पकड़ बनाने में लगे हैं. अपनी उसी हुकूमत को बचाने के लिए इन्होंने सीरिया को गृह युद्ध में झोंक रखा है. लेबनानी हिजबुल्ला गुट के लोग सीरियाई राष्ट्रपति की हुकूमत उखाड़ कर सीरिया में अपनी हुकूमत कायम करना चाहते हैं.
जिंदा रहने के लिए कुछ भी नहीं
हर गुट कह रहा है कि उसकी लड़ाई सिर्फ विरोधी सेना से है, आम लोगों से नहीं. उनका यह भी कहना है कि घेरेबंदी दुश्मन को कमजोर करने के लिए है, ताकि उन तक रसद ना पहुंच सके और वो टूट जाएं. मडाया, केफ्राया और फोऊवा जैसे इलाकों में हालात सबसे खराब हैं. ईंट और कंक्रीट की दीवारों और मलबों से घिरे यहां के लोगों के पास अब जिंदा रहने के लिए कुछ भी नहीं बचा है.
हर गुट कह रहा है कि उसकी लड़ाई सिर्फ विरोधी सेना से है, आम लोगों से नहीं. उनका यह भी कहना है कि घेरेबंदी दुश्मन को कमजोर करने के लिए है, ताकि उन तक रसद ना पहुंच सके और वो टूट जाएं. मडाया, केफ्राया और फोऊवा जैसे इलाकों में हालात सबसे खराब हैं. ईंट और कंक्रीट की दीवारों और मलबों से घिरे यहां के लोगों के पास अब जिंदा रहने के लिए कुछ भी नहीं बचा है.
पिछले साल बंद किए गए तमाम रास्ते
पिछले साल 26 दिसंबर को सीरियाई फौज ने इन इलाकों को जाने वाले तमाम रास्तों को बंद कर दिया था. ये सीरियाई शहर दमिष्क के वो बाहरी इलाके हैं, जहां विद्रोहियों ने कब्जा कर रखा है और इस तरह इन इलाकों की घेरेबंदी कर सीरियाई फौज विद्रोहियों से हथियार डालने की मांग कर रही है. लेकिन विद्रोही भी झुकने के लिए तैयार नहीं हैं.
पिछले साल 26 दिसंबर को सीरियाई फौज ने इन इलाकों को जाने वाले तमाम रास्तों को बंद कर दिया था. ये सीरियाई शहर दमिष्क के वो बाहरी इलाके हैं, जहां विद्रोहियों ने कब्जा कर रखा है और इस तरह इन इलाकों की घेरेबंदी कर सीरियाई फौज विद्रोहियों से हथियार डालने की मांग कर रही है. लेकिन विद्रोही भी झुकने के लिए तैयार नहीं हैं.
लाशों पर ही कर पाएंगे हुकूमत
कई मानवाधिकार संगठन और मददगार एजेंसियां सीरिया के लोगों के लिए खाने-पीने की चीजें लेकर उन तक पहुंचने की कोशिश में हैं. लेकिन इन लोगों को भी उन इलाकों में जाने से रोका जा रहा है. अब जो हालात हैं उनमें जल्दी ही लोगों तक खाना नहीं पहुंचा, तो इन संगठनों में से किसी एक का इन इलाकों पर कब्जा जरूर होगा, मगर हुकूमत वो सिर्फ लाशों पर ही कर पाएंगे.
कई मानवाधिकार संगठन और मददगार एजेंसियां सीरिया के लोगों के लिए खाने-पीने की चीजें लेकर उन तक पहुंचने की कोशिश में हैं. लेकिन इन लोगों को भी उन इलाकों में जाने से रोका जा रहा है. अब जो हालात हैं उनमें जल्दी ही लोगों तक खाना नहीं पहुंचा, तो इन संगठनों में से किसी एक का इन इलाकों पर कब्जा जरूर होगा, मगर हुकूमत वो सिर्फ लाशों पर ही कर पाएंगे.
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