वित्त मंत्रालय का बैंकों को सुझाव एक दिन में बदले जाएं 4500 रुपए

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 नई दिल्ली : मंगलवार को केंद्र सरकार की तरफ से लिए गए नोट बैन के फैसले के बाद अगले ही दिन बैंकों और एटीएम पर लंबी-लंबी कतारें दिखीं। शनिवार और रविवार को बैंक खुलने के दौरान भी कुछ यही हालात नजर आए। कहीं बैंकों में जल्द पैसे खत्म होने की खबरें आईं तो कहीं लोगों ने एटीएम में पैसे न होने की शिकायतें की। ऐसे में नोट-बैन के चौथे दिन इस स्थिति की समीक्षा करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बताया कि बीते चार दिन में देश भर के बैंकों में कितनी बड़ी रकम जमा हुई।

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वित्त मंत्रालय ने क्या-क्या कहा:
बैंक अकाउंट से एक सप्ताह के भीतर 20,000रुपए तक की निकासी की सीमा को बढ़ाकर 24,000 रुपए कर दिया गया है। वहीं बैंक से एक दिन में सिर्फ 10 हजार रुपए ही निकाले जाने की लिमिट को भी खत्म कर दिया गया है।
बैंकों को सलाह दी गई है कि वो एटीएम से कैश निकासी की सीमा को बढ़ाकर 2000 रुपए प्रति दिन से 2500 रुपए प्रतिदिन कर दें, ताकि लोगों को परेशानी न हो।
बैंकों ये यह भी कहा गया है कि वो एक दिन के भीतर पुराने नोट बदलने जाने की लिमिट को भी बढ़ाएं। बैंकों से कहा गया है कि वो इस सीमा को बढ़ाकर 4000 रुपए से 4500 रुपए तक कर दें।
स्वास्थ्य सेवाओं को देखते हुए सभी बैंकों को सलाह दी गई है कि वो जहां तक संभव हो अस्पतालों के बाहर मोबाइल बैंकिंग वैन की सुविधा उपलब्ध कराएं, ताकि मरीजों की तीमार-दारों को किसी भी तरह के लेन-देन में असुविधा न हो।
बीते चार दिन के भीतर (10 नवंबर से 13नवंबर के बीच शाम पांच बजे तक) बैंकिंगसिस्टम में 3 लाख करोड़ रुपए के 500 और 1000 के नोट जमा हो चुके हैं।
लोगों को सलाह दी गई है कि वो किसी भी तरह की असुविधा के लिए प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित जिला मजिस्ट्रेट/ जिला प्रशासन को शिकायत कर सकते हैं।
इस तरह की शिकायतें भी सुनने में आईं है कि कुछ व्यापारी (अस्पताल और कैटरर) ग्राहकों की तरफ से चेक एवं डीडी के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यम से भी भुगतान स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
राज्यों के मुख्य सचिवों से अनुरोध किया गया है कि वो ग्रामीण इलाकों में ऐसे क्षेत्रों की पहचान करें जहां नकदी की उपलब्धता न होने जैसी समस्याएं पेश आ रही हों।
बैंकों के भीतर अलग-अलग कतारों भी नकदी के आदान-प्रदान और बैंक खातों में लेनदेन के लिए व्यवस्था की जाएगी।
बैंकों को सलाह दी गई है कि वो सीनियर सिटीजन और दिव्यांगों के लिए अलग लाइन की भी व्यवस्था करें।
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