मोदी की अपील पर विशेष-

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 साथियों,
इस समय देश का बहुसंख्यक नयी करेंसी के बदलाव से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहा है।जब लोगों के लाइन में लगने से पैर दुखने लगते हैं तो वह झल्लाकर मोदी को अनाप सनाप बकने लगता है। इसके बावजूद जब कोई मोदी की बुराई करने लगता है तो अपना दुख भुलाकर उनके इस कदम की सराहना करने लगता है। वास्तव में यह प्रधानमंत्री मोदी का यह साहसिक व देशहित में उठाया गया ऐतिहासिक सराहनीय कदम है।

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इसकी जितनी भी प्रसंशा की जाय उतनी कम है।इस कदम के अलावा दूसरा कोई रास्ता भी देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था व आर्थिक व्यवस्था को बचाने के लिये नहीं था। भ्रष्टाचार आजकल शिष्टाचार में शामिल हो गया है और लेनदेन की बात व्यवस्था का जरूरी अंग सा बन गया है।ईमानदार भूखो मर रहा है और बेइमान दिन दूनी व रात चौगुनी प्रगति कर रहा है।लोग रातों रात फुटपाथ से आसमान पर पहुँच जा रहे हैं।पैसे के बल पर धर्म ईमान तक बिकने लगे।हमारी करेंसी का हमारे ही देश के खिलाफ उपयोग किया जाने लगा है और हमारी करेन्सी लेकर उसकी जगह नकली करेन्सी लगातार भेजी जा रही है।अपना देश और अपना राज वाली अवधारणा समाप्त हो रही थी।समाज के विदूषक अयोग्य भ्रष्ट दुष्चरित्र बेइमान लोग काली अनैतिक कमाई के बल लोकतांत्रिक जनादेश को कलंकित बनाने का प्रयास कर रहे थे।यह सही है कि लोगों को इस समय पाँच सौ व एक हजार की करेंसी बंद होने से आम नागरिक अपना नोट न बदलने और बदले में मिले दो हजार के नये इस्तेमाल न होने तथा जिसके घर में शादी ब्याह है उसकी घर में रखी रकम को एक साथ बैंक में जमा करने और एक साथ निकालने में दिक्कत हो रही है।यह भी सही है कि इस ऐतिहासिक फैसले से देश में अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया और मोदी विरोधी इस आग में घी डालने लगें हैं।इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के दौरे से लौटते ही कल पणजी गोवा में एक सभा बहुत ही भावुक बयान देकर देशवासियों से पाँच दिसम्बर तक का समय माँगा है।मोदी द्वारा कल पणजी में देशवासियों से की गयी अपील बहुत ही मार्मिक और दिलों दिमाग को झकझोर देने वाली है।उन्होंने कहा कि वह पाँच दिसम्बर तक अगर मैं समस्या का समाधान नहीं कर पाते हैं तो मर्जी होगी सजा दे देना।उन्होंने कहा कि देशहित में एक अभूतपूर्व फैसला लिया है। मैं जानता हूँ कि हमारे फैसले से कुछ लोग बहुत नाखुश हैं और जिस रात मैंने नोट बंद किये थे उन्हें दवा खाने के बाद भी नींद नहीं आयी थी।जबकि पूरा देश इस खबर के बाद हंसता हुआ गहरी नींद में सो गया था।उन्होंने कहा कि अगर देशवासियों ने साथ नहीं दिया तो वह लोग उन्हें गोली मरवा भी सकते हैं।उन्होंने कहा कि जो कुछ किया है वह देश हित में किया है इसलिए जान की परवाह नहीं करता हूँ।प्रधानमंत्री की बात में दम है और यह कठोर निर्णय यदि काफी पहले ही ले लिया गया होता तो अरबों रूपयों की हमारी ही करेन्सी देशवासियों को बदले में नकली नोट की जगह मिलने से बच जाती है लेकिन धनपशुओ ने काली कमाई के बल पर सबका धर्म ईमानदारी खरीद लिया था।सरकारें व राजनीति काली कमाई पर आधारित होने लगी थी और हमारा जनतांत्रिक ढाँचा प्रभावित हो गया था। देशहित में कुछ तो साथ देशवासियों को देना ही चाहिए खासतौर पर देश के किसानों मजदूरों कामगारो व व्यवसाइयों को जो ईमानदारी से कमाते हैं ।क्योंकि किसी भी व्यवस्था को समाप्त कर उसकी जगह नयी व्यवस्था लागू करने में कुछ समय के दिक्कतों का सामना करना पड़ता ही है।पाँच दिसम्बर का समय कोई पाँच साल का नहींक होता है और हमारे देशवासियों की खूबी है कि वह जब देश के आनबान शान की बात आती है सबकुछ सह लेते हैं लेकिन भारत माता का मस्तक झुकने नही देते हैं।हम समझते हैं कि देशहित में इस समय बैंको में हो रही समस्या व नोटो से जुड़ी हर समस्या का मुकाबला किसी तरह कर लेना ही उचित है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी साफ कर दिया है कि किसी की भी ईमानदारी की गाढी कमाई को बर्बाद नहीं होने देंगे लेकिन बेइमानो से आजादी के बाद से अब तक का एक एक पैसे का हिसाब जरूर लूँगा चाहे हमें गोली मार दी जाय।


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