जेएनयू पहुंचे अरविंद केजरीवाल

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 नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि जेएनयू कुलपति विश्वविद्यालय के लापता छात्र नजीब अहमद का पता लगाने के लिए कदम नहीं उठा रहे हैं क्योंकि उन्हें भय है यदि वह ऐसा करेंगे तो वह स्वयं लापता हो जाएंगे। केजरीवाल ने यह टिप्पणी जेएनयू परिसर में आयोजित एकजुटता बैठक में की।
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केजरीवाल ने कहा, ‘नजीब तभी वापस आएगा जब मोदीजी को यह एहसास होगा कि उन्हें युवाओं के वोट का नुकसान हो रहा है। नजीब के लिए न्याय की मांग का आंदोलन मुख्यधारा में आना चाहिए। कुलपति भयभीत हैं कि यदि वह कोई कदम उठाएंगे तो वह भी लापता हो सकते हैं।’

केजरीवाल ने कहा कि वह इस संबंध में कोई जांच शुरू करने की हिम्मत नहीं करेंगे क्योंकि आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी झगड़े में शामिल थी जिसके बाद नजीब लापता हुआ। खुद अकसर दिल्ली पुलिस से झगड़ा मोल लेने वाले केजरीवाल ने कहा, ‘जो कोई भी आरएसएस, एबीवीपी या भाजपा के खिलाफ आवाज उठाएगा उसे राष्ट्रविरोधी करार दिया जाएगा, वह लापता हो जाएगा। यदि नजीब अंबानी का पुत्र होता, मोदीजी विमान से उससे मिलने गए होते लेकिन वह इस पर ध्यान नहीं देंगे।’

उन्होंने इस पर भी आश्चर्य जताया कि परिसर में हुए झगड़े में शामिल रहे एबीवीपी के किसी सदस्य से पुलिस ने पूछताछ क्यों नहीं की। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नेपाल यात्रा से लौटने के बाद वह एक प्रतिनिधिमंडल के साथ उनसे मिलने जाएंगे।

इससे पहले जेएनयू प्रशासन ने छात्रों और शिक्षकों से अपील की कि वे परिसर में प्रतिरोधी राजनीतिक और विरोधी प्रदर्शनों को हतोत्साहित करें क्योंकि यह विश्वविद्यालय के सुचारू संचालन को प्रभावित कर रहा है तथा प्रदर्शनों के जरिये अनुचित मांगें उठायीं जा रही हैं। प्रशासन की ओर से यह अपील विभिन्न छात्र समूहों और शिक्षकों द्वारा पिछले करीब दो सप्ताह से जारी प्रदर्शनों के मद्देनजर की गई।

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