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पुलिस ने केस वापस लेने का दबाव बनाया
मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक पुलिस ने न सिर्फ रेप पीड़िता से आपत्तिजनक सवाल किए बल्कि उसपर केस रजिस्टर्ड न कराने का भी दबाव बनाया। भाग्यलक्ष्मी ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए जानकारी दी है कि विक्टिम ने रेप के चारों आरोपियों के नाम बताए हैं और पुलिस के ऐसे बर्ताव की वजह ये है कि चारों में से एक राजनीतिक पार्टी का नेता है। हालांकि, भाग्यलक्ष्मी ने पुलिस स्टेशन और विक्टिम का नाम बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे विक्टिम की जान को खतरा हो सकता है।
भाग्यलक्ष्मी ने लिखा, "ये किसी फिल्म की स्टोरी नहीं है। सारी तहकीकात करने के बाद मैं घटना बता रही हूं। एक दिन एक महिला ने मुझे फोन किया। वो रो रही थी। जब मैंने उससे पूछा कि वो कौन है, तो उसने बस इतना कहा कि मैं आपसे मिलना चाहती हूं।" विक्टिम ने भाग्यलक्ष्मी को बताया कि उसके दो बच्चे हैं और उसका पति शराबी है। एक दिन महिला के पति के चार दोस्त उसके घर आए और उन्होंने रेप विक्टिम से कहा कि उसके पति को कुछ हेल्थ प्रॉब्लम हुो गई है और वो हॉस्पिटल में एडमिट है।
इन लोगों ने महिला को साथ चलने को कहा जिसके बाद महिला कार में बैठकर आरोपियों के साथ रवाना हुई। जब महिला ने कार दूसरे रास्ते पर जाते हुए देखी तो उसने चिल्लना शुरू कर दिया। आरोपी उसे सुनसान इलाके के एक मकान में ले गए और वहां उसका गैंगरेप किया। आरोपियों ने महिला को धमकी दी कि घटना का वीडियो बनाया गया है। विक्टिम को धमकी दी गई कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो वीडियो पब्लिक कर दिया जाएगा। तीन महीने बाद महिला के पति को उसके व्यवहार में कुछ चीजें अजीब-सी लगीं। उसने विक्टिम से इस बारे में पूछा तो उसने हकीकत बयान कर दी। पति-पत्नी केस दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंचे। पुलिस ने चारों आरोपियों को बुलाया। इस दौरान महिला से बेहद आपत्तिजनक सवाल पूछे गए।
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केरल से एक ऐसा शर्मनाक मामला सामने आया है जिसने पुलिस व्यवस्था पर फिर
गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक रेप विक्टिम महिला ने पुलिस पर आरोप लगाया
है कि पति के दोस्तों द्वारा रेप का शिकार होने के बाद जब वो मदद के लिए
पुलिस के पास पहुंची तो वहां उससे बेहद आपत्तिजनक सवाल पूछे गए। महिला के
मुताबिक पुलिस अफसर ने पूछा कि रेप के दौरान तुम्हें किस शख्स के साथ सबसे
ज्यादा मज़ा आया। महिला के साथ हुए इस शर्मनाक सलूक की जानकारी मीडिया को
डबिंग आर्टिस्ट भाग्यलक्ष्मी ने दी है।
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पुलिस ने केस वापस लेने का दबाव बनाया
मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक पुलिस ने न सिर्फ रेप पीड़िता से आपत्तिजनक सवाल किए बल्कि उसपर केस रजिस्टर्ड न कराने का भी दबाव बनाया। भाग्यलक्ष्मी ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए जानकारी दी है कि विक्टिम ने रेप के चारों आरोपियों के नाम बताए हैं और पुलिस के ऐसे बर्ताव की वजह ये है कि चारों में से एक राजनीतिक पार्टी का नेता है। हालांकि, भाग्यलक्ष्मी ने पुलिस स्टेशन और विक्टिम का नाम बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे विक्टिम की जान को खतरा हो सकता है।
भाग्यलक्ष्मी ने लिखा, "ये किसी फिल्म की स्टोरी नहीं है। सारी तहकीकात करने के बाद मैं घटना बता रही हूं। एक दिन एक महिला ने मुझे फोन किया। वो रो रही थी। जब मैंने उससे पूछा कि वो कौन है, तो उसने बस इतना कहा कि मैं आपसे मिलना चाहती हूं।" विक्टिम ने भाग्यलक्ष्मी को बताया कि उसके दो बच्चे हैं और उसका पति शराबी है। एक दिन महिला के पति के चार दोस्त उसके घर आए और उन्होंने रेप विक्टिम से कहा कि उसके पति को कुछ हेल्थ प्रॉब्लम हुो गई है और वो हॉस्पिटल में एडमिट है।
इन लोगों ने महिला को साथ चलने को कहा जिसके बाद महिला कार में बैठकर आरोपियों के साथ रवाना हुई। जब महिला ने कार दूसरे रास्ते पर जाते हुए देखी तो उसने चिल्लना शुरू कर दिया। आरोपी उसे सुनसान इलाके के एक मकान में ले गए और वहां उसका गैंगरेप किया। आरोपियों ने महिला को धमकी दी कि घटना का वीडियो बनाया गया है। विक्टिम को धमकी दी गई कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो वीडियो पब्लिक कर दिया जाएगा। तीन महीने बाद महिला के पति को उसके व्यवहार में कुछ चीजें अजीब-सी लगीं। उसने विक्टिम से इस बारे में पूछा तो उसने हकीकत बयान कर दी। पति-पत्नी केस दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंचे। पुलिस ने चारों आरोपियों को बुलाया। इस दौरान महिला से बेहद आपत्तिजनक सवाल पूछे गए।
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