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समाजवादी पार्टी अपने 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती समारोह का आयोजन
करने जा रही है, लेकिन इस बीच टीम अखिलेश ने रजत जयंती का बहिष्कार करने का
एलान किया है। टीम अखिलेश का कहना है कि हमने बसपा शासन के अन्याय के खिला
खिलाफ लाठियां खाईं और सपा को सत्ता में बिठाया। इसके बाद झूठी शिकायतों
के चलते हमें अनुशासनहीन बताकर पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया। इसी के
विरोध में युवा सपाई अब रजत जयंती समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे।
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प्रस्ताव पास कर किया समारोह का बहिष्कार
– बीते दिनों यादव परिवार की कलह में सीएम अखिलेश के समर्थन में उतरे युवा नेताओं को बर्खास्त कर दिया गया था।
– इसमें एमएलसी सुनील सिंह यादव, आनन्द भदौरिया, अरविन्द प्रताप यादव, संजय लाठर और बृजेश यादव प्रदेश अध्यक्ष युवजन सभा, मो. एबाद प्रदेश अध्यक्ष यूथ ब्रिगेड, गौरव दुबे राष्ट्रीय अध्यक्ष यूथ ब्रिगेड और दिग्विजय सिंह देव प्रदेश अध्यक्ष छात्रसभा शामिल हैं।
– यही नहीं इनके सपा कार्यालय में भी घुसने पर रोक लगा दी गयी थी।
– ऐसे में जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट पर हुई बैठक में युवाओं ने सर्वसम्मिति से रजत जयंती के बहिष्कार का प्रस्ताव पास किया है।
अखिलेश ने जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट बना कर दिया सहारा
– यही नहीं बीते नवरात्र में अखिलेश ने अपने इन्हीं साथियों को जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट बनाकर एक आसरा दिया था।
– यह ट्रस्ट उन्होंने अपने बनने वाले आवास में स्थापित किया है। जहां अब टीम अखिलेश बैठती है।
– ट्रस्ट में 15 मेंबर हैं, जिनमें से सीनियर नेताओं को तरजीह नहीं दी गयी है।
– हालांकि जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट के राजेंद्र चौधरी सदस्य हैं।सपा के सैनिक प्रकोष्ठ के बैनर तले हुई बैठक
– कर्नल सत्यवीर सिंह यादव प्रदेश अध्यक्ष सैनिक प्रकोष्ठ ने बताया कि जिन नौजवानों ने सपा को सत्ता में लाने का काम किया उन्हें साइड लाइन कर दिया गया है।
– युवा नेताओं ने बसपा सरकार में लाठियां खाई, पुलिस के जूतों तले रौंदे गए और जेल गए। अब उन्हीं को बर्खास्त कर दिया गया।
– उन्होंने कहा हम सबने मिलकर युवा नेताओं के समर्थन में यह फैसला लिया है कि युवा रजत जयंती समारोह का हिस्सा नहीं बनेंगे।
गायत्री प्रजापति भी हैं बड़ी वजह
– वहीं, सूत्रों की माने तो सीएम अखिलेश के साथ-साथ टीम अखिलेश गायत्री प्रजापति को रजत जयंती की कमान सौंपने से नाराज हैं।
– युवाओं का मानना है कि जब पार्टी के 25 साल हो रहे हैं तो ऐसे व्यक्ति के हाथ कमान नहीं सौंपनी चाहिए जिस पर दाग लगे हों।
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प्रस्ताव पास कर किया समारोह का बहिष्कार
– बीते दिनों यादव परिवार की कलह में सीएम अखिलेश के समर्थन में उतरे युवा नेताओं को बर्खास्त कर दिया गया था।
– इसमें एमएलसी सुनील सिंह यादव, आनन्द भदौरिया, अरविन्द प्रताप यादव, संजय लाठर और बृजेश यादव प्रदेश अध्यक्ष युवजन सभा, मो. एबाद प्रदेश अध्यक्ष यूथ ब्रिगेड, गौरव दुबे राष्ट्रीय अध्यक्ष यूथ ब्रिगेड और दिग्विजय सिंह देव प्रदेश अध्यक्ष छात्रसभा शामिल हैं।
– यही नहीं इनके सपा कार्यालय में भी घुसने पर रोक लगा दी गयी थी।
– ऐसे में जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट पर हुई बैठक में युवाओं ने सर्वसम्मिति से रजत जयंती के बहिष्कार का प्रस्ताव पास किया है।
अखिलेश ने जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट बना कर दिया सहारा
– यही नहीं बीते नवरात्र में अखिलेश ने अपने इन्हीं साथियों को जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट बनाकर एक आसरा दिया था।
– यह ट्रस्ट उन्होंने अपने बनने वाले आवास में स्थापित किया है। जहां अब टीम अखिलेश बैठती है।
– ट्रस्ट में 15 मेंबर हैं, जिनमें से सीनियर नेताओं को तरजीह नहीं दी गयी है।
– हालांकि जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट के राजेंद्र चौधरी सदस्य हैं।सपा के सैनिक प्रकोष्ठ के बैनर तले हुई बैठक
– कर्नल सत्यवीर सिंह यादव प्रदेश अध्यक्ष सैनिक प्रकोष्ठ ने बताया कि जिन नौजवानों ने सपा को सत्ता में लाने का काम किया उन्हें साइड लाइन कर दिया गया है।
– युवा नेताओं ने बसपा सरकार में लाठियां खाई, पुलिस के जूतों तले रौंदे गए और जेल गए। अब उन्हीं को बर्खास्त कर दिया गया।
– उन्होंने कहा हम सबने मिलकर युवा नेताओं के समर्थन में यह फैसला लिया है कि युवा रजत जयंती समारोह का हिस्सा नहीं बनेंगे।
गायत्री प्रजापति भी हैं बड़ी वजह
– वहीं, सूत्रों की माने तो सीएम अखिलेश के साथ-साथ टीम अखिलेश गायत्री प्रजापति को रजत जयंती की कमान सौंपने से नाराज हैं।
– युवाओं का मानना है कि जब पार्टी के 25 साल हो रहे हैं तो ऐसे व्यक्ति के हाथ कमान नहीं सौंपनी चाहिए जिस पर दाग लगे हों।
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