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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर पहले से
मचा घमासान और गहराता जा रहा है। अखिलेश यादव के करीबी और एमएलसी उदयवीर
सिंह ने बुधवार को ही सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी लिखकर इस बात
की मांग की है कि वे खुद पार्टी के संरक्षक बनें और अपनी कुर्सी (वर्तमान
में राष्ट्रीय अध्यक्ष) अपने बेटे सीएम अखिलेश को सौंप दें।
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उदयवीर सिंह ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा कि इसमें उन्होंने अपने निजी विचार प्रकट किए हैं, लेकिन यह पार्टी के भीतर अधिकतर साथियों का विचार है।
उदयवीर सिंह ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा कि परिवार के भीतर से भी अखिलेश यादव के खिलाफ साजिश हो रही है और शिवपाल यादव इसमें शामिल हैं। यही नहीं इस खत में सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना अपने सौतेले बेटे अखिलेश यादव के प्रति द्वेष की भावना रखती हैं और शिवपाल यादव मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पॉपुलेरिटी से जलते हैं।
उदयवीर सिंह ने शिवपाल यादव और साधना पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा इन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नुकसान पहुंचाने के लिए काले जादू का सहारा लिया।
उन्होंने पार्टी के युवा नेताओं का निष्कासन रद्द करने की मांग की और कहा कि अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के लिए सबसे विश्वसनीय चेहरा हैं।
सिंह ने पत्र में आरोप लगाया था कि अखिलेश के खिलाफ षड्यंत्र वर्ष 2012 में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के फैसले के बाद से ही शुरू हो गया था। उस वक्त शिवपाल ने इस निर्णय को रकवाने की भरसक कोशिश की थी। उसके बाद से ही शिवपाल की निजी महत्वाकांक्षा अखिलेश के पीछे पड़ी है। उन्होंने सपा मुखिया पर एकतरफा बातें सुनकर कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए अनुरोध किया कि वह सपा के संरक्षक बन जाएं और अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दें।
सिंह ने सपा मुखिया की पसंदगी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जहां गायत्री प्रजापति जैसे भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्री मुलायम के पसंदीदा हैं, वहीं एसआरएस यादव और नरेश उत्तम जैसे पार्टी के प्रति समर्पित लोगों को किनारे कर दिया गया।
इस खत पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी के नेता आशु मलिक ने कहा कि ऐसे लोग खत लिख रहे हैं, जो 500 वोट पाने के लायक भी नहीं हैं। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि पार्टी में किसी भी तरह का अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसी भी रूप में नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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उदयवीर सिंह ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा कि इसमें उन्होंने अपने निजी विचार प्रकट किए हैं, लेकिन यह पार्टी के भीतर अधिकतर साथियों का विचार है।
उदयवीर सिंह ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा कि परिवार के भीतर से भी अखिलेश यादव के खिलाफ साजिश हो रही है और शिवपाल यादव इसमें शामिल हैं। यही नहीं इस खत में सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना अपने सौतेले बेटे अखिलेश यादव के प्रति द्वेष की भावना रखती हैं और शिवपाल यादव मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पॉपुलेरिटी से जलते हैं।
उदयवीर सिंह ने शिवपाल यादव और साधना पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा इन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नुकसान पहुंचाने के लिए काले जादू का सहारा लिया।
उन्होंने पार्टी के युवा नेताओं का निष्कासन रद्द करने की मांग की और कहा कि अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के लिए सबसे विश्वसनीय चेहरा हैं।
सिंह ने पत्र में आरोप लगाया था कि अखिलेश के खिलाफ षड्यंत्र वर्ष 2012 में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के फैसले के बाद से ही शुरू हो गया था। उस वक्त शिवपाल ने इस निर्णय को रकवाने की भरसक कोशिश की थी। उसके बाद से ही शिवपाल की निजी महत्वाकांक्षा अखिलेश के पीछे पड़ी है। उन्होंने सपा मुखिया पर एकतरफा बातें सुनकर कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए अनुरोध किया कि वह सपा के संरक्षक बन जाएं और अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दें।
सिंह ने सपा मुखिया की पसंदगी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जहां गायत्री प्रजापति जैसे भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्री मुलायम के पसंदीदा हैं, वहीं एसआरएस यादव और नरेश उत्तम जैसे पार्टी के प्रति समर्पित लोगों को किनारे कर दिया गया।
इस खत पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी के नेता आशु मलिक ने कहा कि ऐसे लोग खत लिख रहे हैं, जो 500 वोट पाने के लायक भी नहीं हैं। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि पार्टी में किसी भी तरह का अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसी भी रूप में नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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