क्या समाजवादी पार्टी में हुआ बंटवारा ?

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 टीम अखिलेश अब समाजवादी पार्टी ऑफिस नहीं जाएगी। पार्टी में मचे घमासान की बात अब बहुत बढ़ गयी है। मामला तो जैसे आर या फिर पर जैसा हो गया है। मुलायम के घर का झगड़ा अब सड़क पर है। चाचा और भतीजे की अनबन से समाजवादी पार्टी दो खेमों में बंट गई है। लखनऊ से लेकर गांव-गांव तक पार्टी के कार्यकर्ता अब या तो अखिलेशवादी हैं या फिर शिवपालवादी। समाजवादी तो अब कोई रहा ही नहीं।
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एक-दूसरे के टिकट काटने और बांटने का खेल भी तेज हो गया है। शिवपाल यादव की पहली ही लिस्ट में अखिलेश यादव के कई लोगों के विकेट गिर गए। मेरठ के अतुल प्रधान तक अपना टिकट नहीं बचा पाए। वे पार्टी के छात्र सभा के अध्यक्ष रह चुके है। उन्हें बीजेपी विधायक संगीत सोम के खिलाफ मैदान में उतारा गया था। बचाने की तो छोड़िये. अखिलेश को अतुल के टिकट कटने का पता तब चला जब सब जान चुके थे।
अखिलेश यादव भी अब आगे बढ़ जाने के मूड में है। हाल में ही अपने घर पर उन्होंने अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई। तय हुआ “सब साथ रहेंगे और हिम्मत नहीं हारेंगे।” टीम अखिलेश के लोग अब समाजवादी पार्टी के ऑफिस नहीं जाएंगे। उनके लिए एक नया ठिकाना बन गया है। समाजवादी पार्टी ऑफिस के पीछे जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट का दफ्तर टीम अखिलेश का नया पता होगा। पार्टी के एक बड़े नेता ने बताया अगले हफ्ते अखिलेश इसका उदघाटन करेंगे। इसके बाद से उनके समर्थक नेताओं का यही अड्डा होगा।
खबरों के मुताबिक उनके ही करीबी लोग इसके कर्ताधर्ता होंगे। हर विधान सभा क्षेत्र से नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक लिस्ट बनाई जा रही है। जो अखिलेश के इशारे पर काम करेंगे। आपको बता दें कि शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव के समर्थक सात नेताओं के समाजवादी पार्टी में जाने पर रोक लगा दी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनते ही शिवपाल ने इन सबको बाहर कर दिया था। इनमे से चार तो पार्टी के एमएलसी है। लेकिन काम काज के सिलसिले में इनका पार्टी दफ्तर आना जाना लगा रहा।


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