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लखनऊ.अपनी
विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र व राज्य कर्मचारी शुक्रवार को एक दिवसीय
हड़ताल पर रहेंगे। यह हड़ताल केंद्र सरकार की कामगार नीति के विरोध में की
जा रही है। केन्द्रीय श्रम संगठनों, औद्योगिक फेडेरेशनों व कर्मचारी
संगठनों के आह्वान को करीब 250 कर्मचारी संगठनों ने समर्थन देने की घोषणा
की है।
बैंकिंग सेवाओं, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और दूरसंचार पर पड़ेगा असर
- इस हड़ताल में 18 करोड़ कर्मचारी भाग लेंगे।
- इसके तहत सभी राज्य कर्मचारी, बैंक, बीएसएनएल, रोडवेज आदि से जुड़े कई संगठन दिन भर कार्यबहिष्कार करेंगे।
- इस वजह से बैंकिंग सेवाएं, दूर संचार और पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।
- वहीं हड़ताल की वजह से केंद्रीय कार्यालयों में कामकाज भी ठप रहेगा।
ये है कर्मचारियों की मांग
- कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं।
- वहीं सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों की विसंगतियां दूर करने की भी मांग की जा रही है।
- साथ ही कर्मचारी एफडीआई को हटाने की भी मांग कर रहे हैं।
- इसके अलावा सहित डेढ़ दर्जन मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने दिया महाहड़ताल को समर्थन
- केंद्रीय कर्मचारियों की हड़ताल को यूपी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने भी समर्थन दिया है।
- शुक्रवार को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां भी एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगी।
- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग कर रही हैं।
नर्सों ने भी दिया हड़ताल को समर्थन
- नर्सों ने भी देशव्यापी हड़ताल को समर्थन दिया है।
- आज अस्पतालों में भी काम ठप रहेगा।
- नर्सिंग संगठन केंद्र सरकार की वाद खिलाफी से नाराज है।
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