सीएम को लिखी खून से चिठ्ठी, क्या अब होगी सुनवाई ?

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नई दिल्ली/लखनऊ : खून से लिखे खत के मामले में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रतिक्रया दी है।  उन्होंने खत लिखने वाली दोनों बहनों को मिलने के लिए बुलाया है। अब लोगों को उम्मीद जगी है कि इस मामले में सीएम के सीधे हस्तक्षेप के बाद उन बहनों को इंसाफ मिलेगा। उनकी कहानी बहुत ही दर्दनाक है।
छोटे बड़े पुलिस अधिकारीयों के दरवाज़े खटखटाये
14 जून को बुलंदशहर में रहने वाली 15 साल की लतिका ने जो देखा, उसे वो कभी भूल नहीं सकती। एक ऐसी घटना जिसने लतिका और उसकी छोटी बहिन तान्या के दिलो-दिमाग पर गहरा आघात किया है। इस घटना के बाद इन्साफ की लिए लतिका ने सभी छोटे बड़े पुलिस अधिकारीयों के दरवाज़े खटखटाये। लेकिन, इन्साफ नहीं मिला।
CM अखिलेश को अपने खून से लिखकर पत्र भेज दिया
आखिर में लतिका ने सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपने खून से लिखकर पत्र भेज दिया। इसके बाद प्रशासनिक हलके में खलबली मच गई। मुख्यमंत्री ने भी इस खत को गंभीरता से लिया है और दोनों बहनों से मुलाकात कर उनकी समस्या सुनने को बुलाया है। पुलिस भी अब इस मामले में हरकत में आ गई है।
ऐसा मंजर देखा जिसे वह कभी भूल नहीं पाएगी
दो महीन पहले यूपी के बुलंदशहर में रहने वाली 15 साल की लतिका बंसल ने एक ऐसा मंजर देखा जिसे वह कभी भूल नहीं पाएगी। बीती 14 जून को लतिका और उसकी 11 साल की मासूम बहन तान्या के सामने ही उनकी मां अनु बंसल को जिंदा जलाकर मार दिया गया। दोनों बहनों का कहना है कि उनकी मां की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने बेटे के बजाय दो लड़कियों को जन्म दिया था।
मदद के लिए 100 नंबर पर कॉल भी किया था
रिपोर्ट के मुताबिक, जिस वक्त लतिका की मां को जलाया जा रहा था, उस वक्त उसने मदद के लिए 100 नंबर पर कॉल भी किया था। लेकिन, उसके कॉल पर कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद उसने एंबुलेंस को भी कॉल किया। लेकिन, एंबुलेंस भी मौके पर नहीं पहुंची। इसके बाद लतिका ने अपने मामा को कॉल किया, तब जाकर उसकी मां को अस्पताल ले जाया गया।
मेरी मां को मेरी आंखों के सामने जलाया जा रहा था
उसने बताया कि ‘मैं उस मंजर को कभी नहीं भूल सकती। मेरी मां को मेरी आंखों के सामने जलाया जा रहा था। जिस वक्त मेरी मां ने मुझे जन्म दिया, उस वक्त भी उन्हें टॉर्चर किया गया। क्योंकि उन्हें लड़का नहीं हुआ था।  इसके बाद जब 11 साल पहले मेरी बहन तान्या का जन्म हुआ, तब हम तीनों को घर से बाहर फेंक दिया गया।’
दादी दूसरे रिश्तेदारों के साथ हमारे घर आईं
लतिका ने बाताय कि ‘जिसके बाद से हम किराए पर रह रहे थे। बीती 14 जून की रात मेरी दादी दूसरे रिश्तेदारों के साथ हमारे घर आईं। उन्होंने कहा कि वह मेरे पिता की शादी उससे करने जा रही हैं जो बेटे को जन्म दे सके। इसी बात पर विवाद हो गया। उन लोगों ने मेरी मां को जिंदा जला दिया। मेरी छोटी बहन रोती जा रही थी, लेकिन मैंने हिम्मत जुटाकर 100 नंबर पर कॉल किया।’
मां अनु बंसल आखिरकार जिंदगी की जंग हार गईं
करीब 95 फीसदी तक चल चुकी लतिका की मां अनु बंसल आखिरकार जिंदगी की जंग हार गईं। इस बीच पुलिस ने अपनी जांच में दावा किया कि यह मामला आत्महत्या का था। मां की मौत को दो महीने बीत जाने के बाद लतिका ने न्याय के लिए अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से गुहार लगाई है। लतिका ने खून से चिट्ठी इसलिए लिखी है ताकि सीएम अखिलेश इस पर तत्काल कार्रवाई करें।
सभी रैंक के पुलिस अधिकारियों के पास न्याय मांगा
लतिका के मुताबिक, वह अपने मामा के साथ सभी रैंक के पुलिस अधिकारियों के पास न्याय मांगने जा चुकी है। लेकिन, किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। लतिका के मामा तरुण जिंदल के अनुसार ‘जब उसने(लतिका) कॉल किया तो मैं वहां पहुंचा। मैं देखकर हैरान रह गया। उन्होंने मेरी बहन को जला दिया था।’
लेकिन वह 95 फीसदी तक जल चुकी थी
उन्होंने कहा कि ‘हम उसे हॉस्पिटल लेकर गए लेकिन वह 95 फीसदी तक जल चुकी थी। जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। अगर पुलिस उस वक्त कॉल उठा लिया होता और समय से पहुंच जाती तो शायद मेरी बहन बच जाती। मेरी बहन की हत्या उसके देवर राजेश बंसल और सास स्नेहलता ने की है। वह अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। मुझे यकीन है कि उन लोगों ने पुलिस को घूस दी है।’
खून से लिखी चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल
पुलिस अपनी सफाई में कह रही है कि कार्रवाई हो चुकी है। मासूम बहनों की खून से लिखी चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बुलंदशहर पुलिस ने ट्विटर पर जवाब में लिखा है कि इस मामले में कार्रवाई हो चुकी है। बुलंदशहर के एएसपी राममोहन सिंह ने कहा है कि पीड़िता के पति मनोज बसंल को शिकायत के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।









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