नई दिल्ली/देहरादून : उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पूरी तरह काबू नहीं हुई है। हालांकि, सेना की कोशिश के बाद आग कम हुई है। आग बुझाने के लिए कल वायुसेना के एमआई-17 और वी 5 हेलीकॉप्टर्स ने 15 उड़ानें भरी जिसमें कुल 30 हजार लीटर पानी की बौछार की गई।
सेना, एऩडीआरएफ औऱ वायुसेना अब इसी कोशिश में लगी है कि नैनीताल के बाहरी इलाकों में जंगलों में लगी आग शहर तक न पहुंचने पाए। एनडीआरएफ का दावा है कि उत्तराखंड के जंगलों में लगी 70 फीसदी आग पर काबू पाया चुका है।
उत्तराखंड: 11 जिलों के जंगल में भीषण आग, 6,000 कर्मचारी राहत बचाव में जुटे
आग बुझाने में जुटी एजेंसियों के लिए राहत की बात ये है कि मौसम विभाग ने परसों तक उत्तराखंड में हल्की बारिश का अनुमान लगाया है। उत्तराखंड के 13 जिले आग की चपेट में हैं। आग से अब तक सात लोगों की मौत और करीब ढाई हजार हेक्टेयर जंगल तबाह हो चुका है।
उत्तराखंड के बाद हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के जंगलों में भी आग लगने की सूचना है। यहां करीब 50 हेक्टेयर जंगली इलाके में आग फैली है। राज्य सरकार के साथ ही केंद्र ने भी स्थिति पर लगातार नजर बनाई हुई है।
एनडीआरएफ के महानिदेशक ओ. पी. सिंह ने बताया, ‘‘हमें सूचित किया गया है कि उपग्रह से प्राप्त ताजा तस्वीरों के मुताबिक उत्तराखंड में आग लगने से प्रभावित क्षेत्रों की संख्या पहले की करीब 427 से घटकर 110-115 रह गयी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी आशा है कि जंगल में लगी आग को बुझा रहे कर्मियों की मदद से अगले कुछ दिनों में यह संख्या कम होकर 50-60 रह जाएगी।’’ उन्होंने बताया कि उपग्रह से ये तस्वीरें 29-30 अप्रैल को ली गयी. इसने आग से निपटने में लगी सभी एजेंसियों को आशा दिया है कि इसपर जल्दी ही काबू कर लिया जाएगा।
सिंह ने कहा कि एनडीआरएफ के कर्मी आग में फंसे हुए प्राणियों को बचाने का प्रयास भी कर रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों को पौड़ी गढ़वाल, अल्मोड़ा और चमोली के तीन जिलों में 13 प्रभावित इलाकों में भीषण आग पर काबू पाने के लिए लगाया गया है।
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