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वाराणसी : पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकारों पर वोट बैंक की राजनीति करने और सभी योजनाओं का नामकरण एक ही परिवार के लोगों के नाम पर करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गंगा नदी में सौर ऊर्जा से चलने वाली नौकाओं की शुरूआत करने के साथ ही उत्तर प्रदेश में आबादी के लिहाज से महत्वपूर्ण निषाद समुदाय से संपर्क साधने का प्रयास किया।
गंगा किनारे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय अस्सी घाट पर लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हमारा दृष्टिकोण पिछली सरकारों के मुकाबले बिल्कुल अलग है, जिन्हें सिर्फ वोट बैंक की परवाह थी और गरीबी उन्मूलन योजनाएं शुरू की, जिनका लक्ष्य कभी भी गरीबी मिटाना नहीं था, बल्कि चुनावों के दौरान गरीबों का वोट पाना था। गांधी-नेहरू परिवार का नाम लिए बगैर प्रधानमंत्री ने याद किया कि हाल ही में सात उपग्रहों के प्रक्षेपण के बाद ‘हमें उनका नामकरण दीन दयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की इच्छा हुई।’ उन्होंने कहा कि क्या हमने देखा नहीं है कि कितनी योजनाओं का नामकरण एक ही परिवार के नाम पर किया गया है। लेकिन अंतत: हमने अपने अंतर्मन की बात सुनी और इन उपग्रहों को नाविक बुलाया, जिसका अर्थ नौका खेने वाला होता है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार हम नाविकों को सम्मान देना चाहते हैं जिन्होंने प्राचीन शहर काशी को दुनिया भर में लोकप्रिय, प्रसिद्ध बनाने में अमूल्य योगदान दिया है। अन्य कई योजनाओं को गिनाते हुए मोदी ने कहा कि इसके पहले जब हमारे निषाद भाइयों की कोई बात होती थी, डीजल की कीमत में एक रुपये कमी आदि कर दी जाती थी, इस उम्मीद में कि वे लोग उनके पक्ष में मतदान करेंगे। लेकिन हमने योजना बनायी है जो गरीबों को गरीबी से लड़ने और उसे हराने में मदद करेगी। हम उस दिशा में काम कर रहे हैं। पिछड़े मछुआरों और केवट, निषाद जैसे समुदायों से संपर्क साधने का प्रयास करते हुए मोदी ने उन्हें ‘भाइयों’ के रूप में संबोधित किया और कहा कि उनकी सरकार ‘गरीबों के लिए’ है।
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