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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि वह राज्यों को मनरेगा के तहत सभी बकाया और जरूरी धन दे दे। साथ ही निर्देश दिया कि वह सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को उनकी मजदूरी देने में हुई देरी के लिए मुआवजे का भुगतान करे। सरकार वित्तीय कमी का रोना रोकर अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती है।
न्यायाधीश एम.बी. लोकुर और एन.वी. रामन्ना की पीठ ने राज्यों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू करने के लिए आयुक्तों की नियुक्ति करें। विशेष रूप से सूखा प्रभावित इलाकों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत किया जाए। पीठ ने सरकार को केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद की स्थापना करने और फसलों के नुकसान का मुआवजा सुनिश्चित करने को भी कहा। कोर्ट ने कहा, राज्य यह नहीं कह सकते कि वे संसद द्वारा बनाए गए कानून का पालन नहीं करेंगे। कानून का शासन राज्यों समेत सभी के लिए बाध्यकारी होता है।
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि वह राज्यों को मनरेगा के तहत सभी बकाया और जरूरी धन दे दे। साथ ही निर्देश दिया कि वह सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को उनकी मजदूरी देने में हुई देरी के लिए मुआवजे का भुगतान करे। सरकार वित्तीय कमी का रोना रोकर अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती है।
न्यायाधीश एम.बी. लोकुर और एन.वी. रामन्ना की पीठ ने राज्यों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू करने के लिए आयुक्तों की नियुक्ति करें। विशेष रूप से सूखा प्रभावित इलाकों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत किया जाए। पीठ ने सरकार को केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद की स्थापना करने और फसलों के नुकसान का मुआवजा सुनिश्चित करने को भी कहा। कोर्ट ने कहा, राज्य यह नहीं कह सकते कि वे संसद द्वारा बनाए गए कानून का पालन नहीं करेंगे। कानून का शासन राज्यों समेत सभी के लिए बाध्यकारी होता है।
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