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--आपने बड़े बुज़ुर्गों को यह कहते हुए सुना होगा कि आपको उत्तर दिशा की ओर मुंह कर के नहीं सोना चाहिए। क्या आपने कभी सोचा है कि आपको उत्तर दिशा की ओर मुंह कर क्यों नहीं सोना चाहिए?
1.देवी पार्वती:
यह कहा जाता है कि जब देवी पार्वती स्नान करने गयीं तो उन्होंने भगवान गणेश को द्वार पर खड़े रह निगरानी करने को कहा और किसी को अंदर न आने देने का निर्देश दिया। जब शिव भगवान पार्वती जी से मिलने आये और भगवान गणेश से अंदर जाने देने को कहा।
2.गणेश और शिव की लड़ाई:पर गणेश आज्ञाकारी पुत्र थे और यह जानते हुए भी कि वह देवी पार्वती के पति हैं, उन्होंने शिव को अंदर जाने नहीं दिया।
3.शिव ने गणेश का सर काटा:जब पार्वती बाहर आयीं और दोनों को देखा,तो दोनों को बहस करते देख उन्हें झटका लगा। शिव ने अपना आपा खो दिया और अपने सेवकों को गणेश का सर कलम करने का निर्देश दिया।
4. आगबबूला हुईं पार्वती:पार्वती आगबबूला हो गयीं और पूरी सृष्टि के विनाश करने का फैसला किया। ब्रह्मा जी ने उन्हें शांत किया और बाद में पार्वती को खुश करने के लिए शिव जी ने निर्देश दिया कि ऐसे जानवर का सर लाओ जो उत्तर दिशा में मुंह कर सो रहा हो।
5. उत्तर दिशा:भगवान शिव के निर्देश के अनुसार, सेवक ऐसे जानवर को ढूंढने निकले जो उत्तर दिशा की ओर मुंह कर सो रहे थे।
6. हाथी का सर:भगवान शिव के सेवकों को एक हाथी दिखा जो उत्तर दिशा की ओर मुंह कर सो रहा था। उन्होंने उस हाथी का सर धार से अलग कर दिया और भगवान शिव को देने चले।
7. भगवान गणेश:भगवान शिव ने तब भगवान गणेश के धर पर हाथी का सर लगा कर उन्हें जीवन प्रदान किया। और बाद में भगवान गणेश को सब पूजने लगे क्यूंकि भगवान शिव ने पार्वती जी को यह वचन दिया कि पुत्र गणेश की पूजा लोग पहले करेंगे।
8. सोने के लिए सबसे उत्तम दिशा:इसलिए, हिन्दू मान्यता के अनुसार सबसे उत्तम सोने की मुद्रा है बायीं ओर को होकर पूरब या पश्चिम दिशा में सोना। यह रक्त का प्रवाह बढ़ाता है और आपके समस्त खैरियत का ध्यान रखता है।
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--आपने बड़े बुज़ुर्गों को यह कहते हुए सुना होगा कि आपको उत्तर दिशा की ओर मुंह कर के नहीं सोना चाहिए। क्या आपने कभी सोचा है कि आपको उत्तर दिशा की ओर मुंह कर क्यों नहीं सोना चाहिए?
आज इस आर्टिकल में हम यह बात करेंगे कि आपको ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अगर आप उत्तर दिशा की तरफ मुंह कर सोते हैं तो आपको बुरे सपने आते हैं जो आपकी मानसिक स्थिति को बिगाड़ देता है। उत्तर दिशा की तरफ सोने पर शरीर से सकारात्मक ऊर्जा जाती है।
यह एक कारण है कि प्राचीन धारणा ऐसा क्यों कहती है कि आपको उत्तर दिशा की तरफ नहीं सोना चाहिए। विज्ञान के अनुसार, अगर हम उत्तर दिशा की तरफ सोते हैं तो यह रक्त के प्रवाह पर असर डालता है और हमें सही नींद नहीं मिलती। ऊर्जा का स्तर भी गिर जाता है।
हालांकि, हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश को कटे हुए जानवर का सर उत्तर दिशा से उठा कर दिया गया था। यह एक कारण बन गया कि लोग यह सोचने लगे कि उत्तर दिशा की तरफ सोना सही नहीं है। तो चलिए हम भगवान गणेश की कहानी पढ़ें जो इस बात को दर्शाता है कि हिन्दू प्रथा के अनुसार उत्तर दिशा में सोना गलत क्यों है
1.देवी पार्वती:
यह कहा जाता है कि जब देवी पार्वती स्नान करने गयीं तो उन्होंने भगवान गणेश को द्वार पर खड़े रह निगरानी करने को कहा और किसी को अंदर न आने देने का निर्देश दिया। जब शिव भगवान पार्वती जी से मिलने आये और भगवान गणेश से अंदर जाने देने को कहा।
2.गणेश और शिव की लड़ाई:पर गणेश आज्ञाकारी पुत्र थे और यह जानते हुए भी कि वह देवी पार्वती के पति हैं, उन्होंने शिव को अंदर जाने नहीं दिया।
3.शिव ने गणेश का सर काटा:जब पार्वती बाहर आयीं और दोनों को देखा,तो दोनों को बहस करते देख उन्हें झटका लगा। शिव ने अपना आपा खो दिया और अपने सेवकों को गणेश का सर कलम करने का निर्देश दिया।
4. आगबबूला हुईं पार्वती:पार्वती आगबबूला हो गयीं और पूरी सृष्टि के विनाश करने का फैसला किया। ब्रह्मा जी ने उन्हें शांत किया और बाद में पार्वती को खुश करने के लिए शिव जी ने निर्देश दिया कि ऐसे जानवर का सर लाओ जो उत्तर दिशा में मुंह कर सो रहा हो।
5. उत्तर दिशा:भगवान शिव के निर्देश के अनुसार, सेवक ऐसे जानवर को ढूंढने निकले जो उत्तर दिशा की ओर मुंह कर सो रहे थे।
6. हाथी का सर:भगवान शिव के सेवकों को एक हाथी दिखा जो उत्तर दिशा की ओर मुंह कर सो रहा था। उन्होंने उस हाथी का सर धार से अलग कर दिया और भगवान शिव को देने चले।
7. भगवान गणेश:भगवान शिव ने तब भगवान गणेश के धर पर हाथी का सर लगा कर उन्हें जीवन प्रदान किया। और बाद में भगवान गणेश को सब पूजने लगे क्यूंकि भगवान शिव ने पार्वती जी को यह वचन दिया कि पुत्र गणेश की पूजा लोग पहले करेंगे।
8. सोने के लिए सबसे उत्तम दिशा:इसलिए, हिन्दू मान्यता के अनुसार सबसे उत्तम सोने की मुद्रा है बायीं ओर को होकर पूरब या पश्चिम दिशा में सोना। यह रक्त का प्रवाह बढ़ाता है और आपके समस्त खैरियत का ध्यान रखता है।
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