online story... जिसने बिना हाथ पैरों के जीती है, ज़िंदगी की जंग (part 3 )

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लेकिन फिर उनक़ी मां के द्वारा दिए गए एक लेख को पढ़कर उनका जीवन के प्रति नज़रिया पूरी तरह से परिवर्तित हो गया । यह लेख एक समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ था, जो एक विकलांग व्यक्ति की अपनी विकलांगता से जंग और उस पर विजय की कहानी थी । उस दिन उन्हें यह समझ में आ गया कि वे अकेले व्यक्ति नहीं हैं, जो संघर्ष कर रहे है|
Nick (निक) धीरे धीरे यह समझ चुके थे कि वे चाहें तो अपनी जिंदगी को सामान्य तरीके से जी सकते है| Nick ने धीरे धीरे पैर की जगह पर निकली हुयी अँगुलियों और कुछ उपकरणों की मदद से लिखना और कंप्यूटर पर टाइप करना सीख लिया......
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