as per एबीपी :
सोल/New Delhi: उत्तर कोरिया ने आज घोषणा की कि उसने हाइड्रोजन बम का अपना पहला परीक्षण सफलतापूर्वक किया. यदि इस बात की पुष्टि हो जाती है तो यह उत्तर कोरिया के परमाणु विकास की दिशा में एक चौंकाने वाला कदम होगा.
एक सरकारी टेलीविजन चैनल के समाचार वाचक ने कहा, ‘‘वर्कर्स पार्टी के सामरिक दृढ संकल्प के आधार पर गणराज्य का पहला हाइड्रोजन बम परीक्षण छह जनवरी 2016 को सुबह 10 बजे सफलतापूर्वक किया गया.’’ उद्घोषक ने कहा, ‘‘ हमारे ऐतिहासिक हाइड्रोजन बम की सटीक सफलता से हम विकसित परमाणु देशों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं.’’ उसने कहा कि यह परीक्षण एक ‘‘छोटे आकार के’’ उपकरण का था.
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अचानक किए गए इस परीक्षण का आदेश स्वयं दिया था और यह उनके जन्मदिन से मात्र दो दिन पहले किया गया.
किम ने पिछले महीने अपने एक निरीक्षण दौरे में जो बयान दिए थे उनसे यह संकेत मिला था कि प्योंगयांग ने पहले ही एक हाइड्रोजन बम विकसित कर लिया है. हालांकि उनके इस दावे को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ संदेह की दृष्टि से देख रहे थे.
एक हाइड्रोजन या थर्मोन्यूक्लियर उपकरण श्रृंखला अभिक्रिया में संलयन का प्रयोग करता है जिससे हाइड्रोजन बम के जरिए कहीं अधिक शक्तिशाली विस्फोट होता है.
टीवी प्रस्तोता ने कहा, ‘‘ ताजा परीक्षण पूर्णतय: हमारी तकनीक और मानव शक्ति पर आधारित है. यह इस बात की पुष्टि करता है कि हमारे नए विकसित तकनीकी संसाधन अचूक हैं और इसने हमारे छोटे आकार के हाइड्रोजन बम के प्रभाव को वैज्ञानिक रूप से दर्शाया है.’’ इस घोषणा के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय उत्तर कोरिया के दावों की सटीकता की जांच करने की कोशिश करेगा.
अधिकतर विशेषज्ञों का मानना था कि प्योंगयांग एक थर्मोन्यूक्लियर विस्फोट विकसित करने से वषरें दूर है जबकि इस बात के मूल्यांकन में मतभेद था कि उसने एक बैलिस्टिक मिसाइल में फिट हो सकने में सक्षम किसी उपकरण को छोटा आकार देने की तकनीक में कितना विकास किया है .
उत्तर कोरिया ने पहले बम इस्तेमाल नहीं करने की नीति पर अडिग रहने का संकल्प लेते हुए आज कहा कि प्योंगयांग परमाणु हमला क्षमता बढाना जारी रखेगा.
उसने कहा, ‘‘ जब तक अमेरिका की उत्तर कोरिया विरोधी दोषपूर्ण नीति जारी रहेगी, हम हमारे परमाणु कार्यक्रम का विकास नहीं रोकेंगे.’’
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