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साथियों,
एक सर्जिकल आपरेशन कुछ दिनों पहले आतंकवादियों के खिलाफ मोदी के इशारे पर हमारी बहादुर सेना के जवानों ने किया था जिससे दुनिया सकते में आ गयी थी।एक दूसरा सर्जिकल आपरेशन मोदी ने एक दिन पहले देश में छिपे काली कमाई वालों के खिलाफ किया जिससे लोगों के कान खड़े हो गये।जनता राजनेता व्यवसाई सभी इस सर्जिकल आपरेशन से भौचक्के रह गये और उनकी नींद हराम हो गयी है।
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कमाने वाला भूखो मर रहा था और लूटने वाले मजा कर रहे थे जबकि प्रकृति का सिद्धांत एकदम उल्टा है। कुछ लोगों के पास इतनी हराम की कमाई हो गयी थी कि उन्हें बोरो में रूपया रखना पड़ रहा था। भ्रष्टाचार हर स्तर पर जनता को खटमल की तरह चूसता जा रहा है और भ्रष्ट तरीके से की गई कमाई का इस्तेमाल करके आतंकी देश दुनिया को आंखें दिखा रहे हैं। एक तरफ तो देशवासी रोटी कपड़ा मकान के लिये तरस रहे हैं तो दूसरी तरफ लोगों को धन रखने की जगह नहीं मिल रही थी।चुनाव में इसी काली कमाई का इस्तेमाल करके लोकतांत्रिक प्रणाली का मजाक उड़ाया जा रहा था।हमारे दुश्मन हमारी करेन्सी की नकल करके हमारी आर्थिक स्थित को कमजोर कर रहे थे। देश का आम आदमी पाँच सौ व हजार की नोट लेने में संकोच कर रहा था क्योंकि उसमें असली नकली की पहचान करना बहुत कठिन था।बैंक के खजाने तक से नकली नोट निकलने शुरू हो गये थे।लोग इस काली कमाई को टैक्स से बचने के लिये बैंको में नहीं जमा कर रहे थे।पचहत्तर लाख करोड़ रूपये से ज्यादा टैक्स की काली कमाई देश के अंदर पड़ी है जिसका दुरुपयोग देश को स्थिर करने, मतदाताओं के वोट खरीदने, आतंकी घटनाएँ कराने जैसे मद में होता है।पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी ने एक अवसर ऐसी काली कमाई करने वालों को दिया था और स्पष्ट कह दिया था कि लोग तैतालिस प्रतिशत टैक्स अदा करके अपनी काली कमाई को सफेद बना सकते हैं। साथ में यह भी कहा था कि जो हमारी बात नहीं मानेगे उन्हें बाद में पछिताना पड़ेगा तब कोई उन्हें दोष नहीं देगा।समयावधि समाप्त हुये अभी एक माह ही हुआ है और मोदी ने काली कमाई वालों के खिलाफ अभूतपूर्व ऐतिहासिक सर्जिकल आपरेशन करके बोरो में रखे पाँच सौ व एक हजार के नोटों को रिजेक्ट कर दिया।अब अगर काली कमाई के नोट अलाव में रखकर हाथ सेकनें वाले हो जायेगे।नेताओं के तो होश उड़ गये हैं जो चुनाव आयोग के मानक से कई गुना अधिक झासा देकर खर्च करते थे।हरामखोरो की वजह से जमीन सोने से भी ज्यादा महंगी हो गयी थी और लोगों को भारी रकम का प्रलोभन देकर उन्हें भूमिहीन बनाने का दौर शुरू हो गया था।हजारों रूपये कच्चा बीघा की भूमि लाखों करोड़ों रूपये बीघा हो गयी थी।लोग टैक्स से बचने के लिये किसान को नकद भुगतान देकर बैनामा लिखवा ले रहे थे।सरकार व जनता को लूटने वाले धनकुबेर हो गये थे और अपनी काली कमाई छिपाने के लिये वह स्विस बैंक में खाता चलाने लगे थे।मोदी सरकार विदेशों में जमा काली कमाई को भले ही अब तक वापस न ला सके हो किन्तु देश की काली कमाई जरूर या तो बाहर निकाल दिया फिर राख का ढेर बन दिया है।देश में छिपी काली कमाई को बाहर निकलने में भले ही कुछ समय लग जाय लेकिन घरों में औरतों के पास छिपी कमाई तो कल सुबह ही बाहर आ गयी।नोट बंद होने की खबर सुनते ही घरों में औरतों ने आखिर बता ही दिया कि उनके पास कितने पाँच सौ और कितने एक हजार वाले नोट हैं।मोदी ने काली कमाई करने नकली करेन्सी के जरिए देश को कमजोर करने वालों, रूपये का इस्तेमाल करके, लोकतांत्रिक प्रणाली को कमजोर करने वालों, सरकारी योजनाओं में घपला करने वालों, ठेकेदारों, हरामखोरो को खोलकर अपना छत्तीस इन्च वाला सीना दिखा दिया।तारीफ तो इस बात की है कि लोग जानते तो थे कि दो हजार का नया नोट आने वाला है लेकिन यह बात सरकार में बैठे चंद लोगों को छोड़कर मंत्रिमंडल तक को पता नहीं थी कि कब लागू होगा और पाँच सौ व एक हजार का नोट रद्द हो जायेगें।मोदी के इस फैसले से कुछ दिक्कत आम देशवासियों को जरूर पैदा हो रही है लेकिन उन्हें परेशान होने घबडाने की कोई जरूरत नहीं है जिनके पास बैंक खाता है उसमें वह जमा कर सकते हैं और चार हजार तक बदल सकते हैं।मेहनत से कमाने वाला चाहे किसान हो या मजदूर कर्मचारी अधिकारी के पास इतना पैसा बचता ही नहीं है जो हमेशा दो चार लाख हमेशा अपने घर में रख सके मोदी के इस कदम का प्रभाव उत्तर प्रदेश चुनाव की मुहिम पर भी पड़ेगा और अब सफेद कमाई से चुनाव लड़ने पर नेताओं को औकात मालूम हो जायेगी।जो हमारी करेन्सी से आतंकवाद उग्रवाद फैला रहे थे उन्हें तगडा झटका सरकार के इस निर्णय से लगा है।एक तरफ जहाँ मोदी के इस सर्जिकल आपरेशन की सराहना हो रही है वहीं जिनको दूकानदारो पर राशन मसाला तेल पेट्रोल मिल पाने में दिक्कत हो रही है उससे अफरा तफरी का माहौल बन गया है।
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एक सर्जिकल आपरेशन कुछ दिनों पहले आतंकवादियों के खिलाफ मोदी के इशारे पर हमारी बहादुर सेना के जवानों ने किया था जिससे दुनिया सकते में आ गयी थी।एक दूसरा सर्जिकल आपरेशन मोदी ने एक दिन पहले देश में छिपे काली कमाई वालों के खिलाफ किया जिससे लोगों के कान खड़े हो गये।जनता राजनेता व्यवसाई सभी इस सर्जिकल आपरेशन से भौचक्के रह गये और उनकी नींद हराम हो गयी है।
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कमाने वाला भूखो मर रहा था और लूटने वाले मजा कर रहे थे जबकि प्रकृति का सिद्धांत एकदम उल्टा है। कुछ लोगों के पास इतनी हराम की कमाई हो गयी थी कि उन्हें बोरो में रूपया रखना पड़ रहा था। भ्रष्टाचार हर स्तर पर जनता को खटमल की तरह चूसता जा रहा है और भ्रष्ट तरीके से की गई कमाई का इस्तेमाल करके आतंकी देश दुनिया को आंखें दिखा रहे हैं। एक तरफ तो देशवासी रोटी कपड़ा मकान के लिये तरस रहे हैं तो दूसरी तरफ लोगों को धन रखने की जगह नहीं मिल रही थी।चुनाव में इसी काली कमाई का इस्तेमाल करके लोकतांत्रिक प्रणाली का मजाक उड़ाया जा रहा था।हमारे दुश्मन हमारी करेन्सी की नकल करके हमारी आर्थिक स्थित को कमजोर कर रहे थे। देश का आम आदमी पाँच सौ व हजार की नोट लेने में संकोच कर रहा था क्योंकि उसमें असली नकली की पहचान करना बहुत कठिन था।बैंक के खजाने तक से नकली नोट निकलने शुरू हो गये थे।लोग इस काली कमाई को टैक्स से बचने के लिये बैंको में नहीं जमा कर रहे थे।पचहत्तर लाख करोड़ रूपये से ज्यादा टैक्स की काली कमाई देश के अंदर पड़ी है जिसका दुरुपयोग देश को स्थिर करने, मतदाताओं के वोट खरीदने, आतंकी घटनाएँ कराने जैसे मद में होता है।पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी ने एक अवसर ऐसी काली कमाई करने वालों को दिया था और स्पष्ट कह दिया था कि लोग तैतालिस प्रतिशत टैक्स अदा करके अपनी काली कमाई को सफेद बना सकते हैं। साथ में यह भी कहा था कि जो हमारी बात नहीं मानेगे उन्हें बाद में पछिताना पड़ेगा तब कोई उन्हें दोष नहीं देगा।समयावधि समाप्त हुये अभी एक माह ही हुआ है और मोदी ने काली कमाई वालों के खिलाफ अभूतपूर्व ऐतिहासिक सर्जिकल आपरेशन करके बोरो में रखे पाँच सौ व एक हजार के नोटों को रिजेक्ट कर दिया।अब अगर काली कमाई के नोट अलाव में रखकर हाथ सेकनें वाले हो जायेगे।नेताओं के तो होश उड़ गये हैं जो चुनाव आयोग के मानक से कई गुना अधिक झासा देकर खर्च करते थे।हरामखोरो की वजह से जमीन सोने से भी ज्यादा महंगी हो गयी थी और लोगों को भारी रकम का प्रलोभन देकर उन्हें भूमिहीन बनाने का दौर शुरू हो गया था।हजारों रूपये कच्चा बीघा की भूमि लाखों करोड़ों रूपये बीघा हो गयी थी।लोग टैक्स से बचने के लिये किसान को नकद भुगतान देकर बैनामा लिखवा ले रहे थे।सरकार व जनता को लूटने वाले धनकुबेर हो गये थे और अपनी काली कमाई छिपाने के लिये वह स्विस बैंक में खाता चलाने लगे थे।मोदी सरकार विदेशों में जमा काली कमाई को भले ही अब तक वापस न ला सके हो किन्तु देश की काली कमाई जरूर या तो बाहर निकाल दिया फिर राख का ढेर बन दिया है।देश में छिपी काली कमाई को बाहर निकलने में भले ही कुछ समय लग जाय लेकिन घरों में औरतों के पास छिपी कमाई तो कल सुबह ही बाहर आ गयी।नोट बंद होने की खबर सुनते ही घरों में औरतों ने आखिर बता ही दिया कि उनके पास कितने पाँच सौ और कितने एक हजार वाले नोट हैं।मोदी ने काली कमाई करने नकली करेन्सी के जरिए देश को कमजोर करने वालों, रूपये का इस्तेमाल करके, लोकतांत्रिक प्रणाली को कमजोर करने वालों, सरकारी योजनाओं में घपला करने वालों, ठेकेदारों, हरामखोरो को खोलकर अपना छत्तीस इन्च वाला सीना दिखा दिया।तारीफ तो इस बात की है कि लोग जानते तो थे कि दो हजार का नया नोट आने वाला है लेकिन यह बात सरकार में बैठे चंद लोगों को छोड़कर मंत्रिमंडल तक को पता नहीं थी कि कब लागू होगा और पाँच सौ व एक हजार का नोट रद्द हो जायेगें।मोदी के इस फैसले से कुछ दिक्कत आम देशवासियों को जरूर पैदा हो रही है लेकिन उन्हें परेशान होने घबडाने की कोई जरूरत नहीं है जिनके पास बैंक खाता है उसमें वह जमा कर सकते हैं और चार हजार तक बदल सकते हैं।मेहनत से कमाने वाला चाहे किसान हो या मजदूर कर्मचारी अधिकारी के पास इतना पैसा बचता ही नहीं है जो हमेशा दो चार लाख हमेशा अपने घर में रख सके मोदी के इस कदम का प्रभाव उत्तर प्रदेश चुनाव की मुहिम पर भी पड़ेगा और अब सफेद कमाई से चुनाव लड़ने पर नेताओं को औकात मालूम हो जायेगी।जो हमारी करेन्सी से आतंकवाद उग्रवाद फैला रहे थे उन्हें तगडा झटका सरकार के इस निर्णय से लगा है।एक तरफ जहाँ मोदी के इस सर्जिकल आपरेशन की सराहना हो रही है वहीं जिनको दूकानदारो पर राशन मसाला तेल पेट्रोल मिल पाने में दिक्कत हो रही है उससे अफरा तफरी का माहौल बन गया है।
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