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मुम्बई : बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा हाजी अली दरगाह में मजार के पास महिलाओं के प्रवेश पर रोक हटाने के दो दिन बाद भूमाता ब्रिगेड की कार्यकर्ता तृप्ति देसाई रविवार को दरगाह पहुंचीं और एक चादर चढ़ायी। तृप्ति ने साथ ही घोषणा की कि अब वह केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के पूजा के अधिकार के लिए संघर्ष करेंगी।
देसाई ने मुम्बई के वरली समुद्रतट के पास में एक टापू स्थित दरगाह के बाहर संवाददाताओं से कहा,‘पिछली बार जब हम यहां हाजी अली दरगाह आये थे तब हमने उच्च न्यायालय में अपने पक्ष में फैसले के लिए दुआ मांगी थी। चूंकि हमारी दुआ सुनी गई और वह कबूल हुई हम हाजी अली बाबा का आशीर्वाद लेने और चादर चढ़ाने के लिए यहां आये।’
शहर के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की मजार भारतीय इस्लामी वास्तुकला का एक प्रमुख नमूना है।
तृप्ति ने मुस्लिमों सहित देश के लोगों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए दरगाह के ट्रस्ट से अनुरोध किया कि वह उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय नहीं जाये। उन्होंने यद्यपि साथ ही यह विश्वास भी जताया कि यदि ऐसा कोई कदम उठाया भी गया तो उच्चतम न्यायालय महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाएगा।
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मुम्बई : बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा हाजी अली दरगाह में मजार के पास महिलाओं के प्रवेश पर रोक हटाने के दो दिन बाद भूमाता ब्रिगेड की कार्यकर्ता तृप्ति देसाई रविवार को दरगाह पहुंचीं और एक चादर चढ़ायी। तृप्ति ने साथ ही घोषणा की कि अब वह केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के पूजा के अधिकार के लिए संघर्ष करेंगी।
देसाई ने मुम्बई के वरली समुद्रतट के पास में एक टापू स्थित दरगाह के बाहर संवाददाताओं से कहा,‘पिछली बार जब हम यहां हाजी अली दरगाह आये थे तब हमने उच्च न्यायालय में अपने पक्ष में फैसले के लिए दुआ मांगी थी। चूंकि हमारी दुआ सुनी गई और वह कबूल हुई हम हाजी अली बाबा का आशीर्वाद लेने और चादर चढ़ाने के लिए यहां आये।’
शहर के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की मजार भारतीय इस्लामी वास्तुकला का एक प्रमुख नमूना है।
तृप्ति ने मुस्लिमों सहित देश के लोगों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए दरगाह के ट्रस्ट से अनुरोध किया कि वह उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय नहीं जाये। उन्होंने यद्यपि साथ ही यह विश्वास भी जताया कि यदि ऐसा कोई कदम उठाया भी गया तो उच्चतम न्यायालय महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाएगा।
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