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राजकोट: प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी कल अपने गृह राज्य गुजरात आ रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने के
बाद से ये मोदी की छठी गुजरात यात्रा है, लेकिन खास इसलिए क्योंकि बतौर
पीएम पहली दफा वो किसी सार्वजनिक सभा को गुजरात में संबोधित करने जा रहे
हैं। मौका है सौराष्ट्र के प्रमुख शहर राजकोट के नजदीक सौनी नामक योजना के
लोकार्पण का, जिसे बतौर मुख्यमंत्री मोदी ने ही 2012 में लांच किया था।
इसके लिए राजकोट से 38 किलोमीटर दूर
सणोसरा गांव के बाहर खास जर्मन तकनीक से बनाया गया है वाटरप्रूफ पांडाल,
जहां करीब एक लाख लोगों को जुटाने की तैयारी है। इसी जगह बतौर प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी गुजरात में अपनी पहली सार्वजनिक सभा को संबोधित करने वाले
हैं। सणोसरा गांव यूं तो राजकोट जिले में है, लेकिन गांव के बाहर का सभा
स्थल जामनगर जिले में दरअसल राजकोट, जामनगर और मोर्बी, इन तीन जिलों की
सीमा सणोसरा से मिलती है। ऐसे में मोदी जब यहां सभा को संबोधित करेंगे, तो न
सिर्फ इन तीन जिलों से, बल्कि सौराष्ट्र के बाकी जिलों के लोग भी यहां
मौजूद होगें। लोग आराम से मोदी का भाषण सुन सकें, इसलिए तीन दर्जन से भी
अधिक बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई हैं। यहां राज्य सरकार इस
कार्यक्रम की तैयारियों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है, आखिर बतौर
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत जो की थी। सत्तारुढ़
बीजेपी को भली-भांति पता है कि सिंचाई और जलापूर्ति से जुड़ी सौनी योजना
2017 के चुनावी वर्ष में काफी उपयोगी रहेगी, खास तौर पर तब जब कैंपेनर के
तौर पर पीएम मोदी ही तुरुप के इक्के भी होंगे।
सौनी योजना यानी सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण
सिंचाई योजना। करीब बारह हजार करोड़ रुपये की इस योजना के तहत सौराष्ट्र के
115 छोटे-बड़े बांधों में नर्मदा का पानी पाइपलाइन के जरिये भरा जाएगा,
जिससे सौराष्ट्र इलाके की पानी की समस्या को दूर किया जाएगा। सौराष्ट्र में
पहले हर तीन साल में एक बार सूखे की परिस्थिति रहती थी, ऐसे में पानी की
समस्या के स्थाई समाधान के लिए बतौर मुख्यमंत्री मोदी ने सौनी परियोजना को
वर्ष 2012 में लांच किया था। अब पीएम के तौर पर मोदी परियोजना के पहले चरण
को राष्ट्र को समर्पित करने आ रहे हैं। पहले चरण में सौराष्ट्र इलाके के दस
बांधों में नर्मदा का पानी पाइपलाइन के जरिये पहुंचाया जा रहा है, जो
पेयजल और सिंचाई दोनों के लिए आसपास के लोगों को मुहैया होगा। सणोसरा गांव
के बाहर ही आजी-3 बांध है, जिसके पानी को आजी-4 बांध में बटन दबाकर
छोड़ेंगे पीएम मोदी। पहले चरण का लोकार्पण सौराष्ट्र इलाके की पानी की
समस्या को दूर करने के हिसाब से मील का पत्थर साबित होगा।
सौराष्ट्र के हिसाब से महत्वपूर्ण इस
परियोजना का नाम सौनी भी बतौर मुख्यमंत्री मोदी ने ही रखा था। गुजराती भाषा
में सौनी का अर्थ होता है। सबकी जाहिर है बतौर पीएम मोदी इस योजना के पहले
चरण का लोकार्पण कर एक तीर से कई शिकार करने की कोशिश करेंगे। एक तरफ
सौराष्ट्र के लोगों की सबसे बड़ी समस्या को दूर करने की दिशा में पहला कदम,
तो दूसरी तरफ सियासी तौर पर महत्वपूर्ण सौराष्ट्र में पाटीदार, ओबीसी और
दलित आंदोलन की काली छाया से बीजेपी को बाहर निकालने की कोशिश। मोदी की
निगाह 2017 चुनावों पर होगी और इसी हिसाब से वो अपनी इस यात्रा में टोन भी
सेट करेंगे, सार्वजनिक सभा के दौरान।
पीएम मोदी के आगमन के पहले ही गुजरात की
बीजेपी सरकार ने सौनी योजना के फायदे गिनाने वाले विज्ञापनों की बाढ़ लगा
दी है। कोशिश ये है कि पीएम मोदी के आगमन के साथ ही एक बार फिर से गुजरात
के डेवलपमेंट मॉडल की तरफ ध्यान खींचा जाए, जो पिछले एक साल में हुए
अलग-अलग आंदोलनों से सियासी तौर पर कुंद हुआ पड़ा है। अपनी इस यात्रा में
मोदी खुद भी गुजरात की आम जनता के मूड को भांपने की कोशिश करेंगे और उसी
हिसाब से 2017 की गुजरात की चुनावी रणनीति भी बनाएंगे।
बतौर पीएम अपनी छठी गुजरात यात्रा में
मोदी की निगाह सौराष्ट्र में बीजेपी की सियासी सतह को मजबूत करने की होगी। पार्टी को भी उनसे यही उम्मीद है। मोदी इसके लिए मंगलवार की सुबह दस बजे
हवाई जहाज से जामनगर एयर बेस पहुंचेंगे और वहां से सणोसरा गांव के नजदीक
आजी-3 डैम पर जाकर सौनी योजना का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद नजदीक में ही
तैयार किए गए सभा स्थल पर सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे। दोपहर बाद दो
बजे उनकी दिल्ली की वापसी यात्रा शुरू हो जाएगी। सियासी हल्के में माना ये
जा रहा है कि चार घंटे के अपने गुजरात प्रवास में मोदी सौनी योजना के सहारे
विकास की चाशनी पिलाकर मतदाताओं को 2017 में एक बार फिर से बीजेपी का साथ
देने के लिए जोरदार बैटिंग करते नजर आ सकते हैं। ऐसे में मोदी की इस यात्रा
को 2017 के चुनावी कैंपेन के पहले कदम के तौर पर जोड़कर देखा जा रहा है,
तो कोई आश्चर्य नहीं।
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