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नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के संसद में कुछ दिन पहले सर्वसम्मति से पारित किए जाने का श्रेय सभी दलों को देते हुए रविवार को कहा कि यदि सभी राजनीतिक दल मिल-जुल कर काम करें तो बड़ा से बड़ा काम आसानी से किया जा सकता है। गौरतलब है कि ‘कटु राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता’ के बावजूद जीएसटी विधेयक इसी माह सम्पन्न पिछले सत्र में दोनों सदनों में सर्वसम्मति से पारित किया गया था।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा, ‘आपस में गरही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रखने वाले राजनीतिक दल, जो एक दूसरे पर हमले का कोई मौका नहीं चूकते ,अगस्त 2016 में साथ आए और जीएसटी विधेयक को पारित करवाया।’ उन्होंने कहा कि ‘इसका श्रेय सभी पार्टियों को जाता है। यदि सभी राजनीतिक दल मिलकर एक दिशा में काम करें तो बड़ा से बड़ा काम किस तरह से किया जा सकता है, यह इसका उदाहरण है।’ लंबे समय से लटके जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को राज्यसभा ने 3 अगस्त और लोकसभा ने 8 अगस्त को पारित किया। इससे देश में एक समान नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का रास्ता खुल गया है।
जीएसटी केंद्र और राज्यों द्वारा लागू किए जाने वाले एक दर्जन से भी अधिक अप्रत्यक्ष करों का स्थान लेगा जिसमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर तथा राज्यों द्वारा लागू बिक्री पर लागू वैट और दूसरे राज्यों से बिक्री के लिए आने वाले समान पर प्रवेश कर आदि शामिल है। इसके लागू होने से भारत एक अरब 30 करोड़ लोगों का एक विशास साझा बाजार हो जाएगा। इसके तहत वस्तु पर केवल अंतिम उपभोक्ता के हाथ में ही कर लगेगा और बिक्री की प्रक्रिया में टैक्स-पर-टैक्स की समस्या खत्म होगी।
गौर तलब है कि लोक सभा में इस विधेयक को मई 2015 में ही पारित कर दिया था पर राज्य सभा में कांग्रेस की आपत्तियों के चलते यह अटक गया था। कांग्रेस ने इसमें कुछ संशोधन किए जाने की मांग की थी जिसमें जीएसटी की दर को संविधान का हिस्सा बनाए जाने की मांग भी भी।
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नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के संसद में कुछ दिन पहले सर्वसम्मति से पारित किए जाने का श्रेय सभी दलों को देते हुए रविवार को कहा कि यदि सभी राजनीतिक दल मिल-जुल कर काम करें तो बड़ा से बड़ा काम आसानी से किया जा सकता है। गौरतलब है कि ‘कटु राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता’ के बावजूद जीएसटी विधेयक इसी माह सम्पन्न पिछले सत्र में दोनों सदनों में सर्वसम्मति से पारित किया गया था।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा, ‘आपस में गरही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रखने वाले राजनीतिक दल, जो एक दूसरे पर हमले का कोई मौका नहीं चूकते ,अगस्त 2016 में साथ आए और जीएसटी विधेयक को पारित करवाया।’ उन्होंने कहा कि ‘इसका श्रेय सभी पार्टियों को जाता है। यदि सभी राजनीतिक दल मिलकर एक दिशा में काम करें तो बड़ा से बड़ा काम किस तरह से किया जा सकता है, यह इसका उदाहरण है।’ लंबे समय से लटके जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को राज्यसभा ने 3 अगस्त और लोकसभा ने 8 अगस्त को पारित किया। इससे देश में एक समान नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का रास्ता खुल गया है।
जीएसटी केंद्र और राज्यों द्वारा लागू किए जाने वाले एक दर्जन से भी अधिक अप्रत्यक्ष करों का स्थान लेगा जिसमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर तथा राज्यों द्वारा लागू बिक्री पर लागू वैट और दूसरे राज्यों से बिक्री के लिए आने वाले समान पर प्रवेश कर आदि शामिल है। इसके लागू होने से भारत एक अरब 30 करोड़ लोगों का एक विशास साझा बाजार हो जाएगा। इसके तहत वस्तु पर केवल अंतिम उपभोक्ता के हाथ में ही कर लगेगा और बिक्री की प्रक्रिया में टैक्स-पर-टैक्स की समस्या खत्म होगी।
गौर तलब है कि लोक सभा में इस विधेयक को मई 2015 में ही पारित कर दिया था पर राज्य सभा में कांग्रेस की आपत्तियों के चलते यह अटक गया था। कांग्रेस ने इसमें कुछ संशोधन किए जाने की मांग की थी जिसमें जीएसटी की दर को संविधान का हिस्सा बनाए जाने की मांग भी भी।
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