ख़बरदार अभी तक 20,638 फ़ोन चोरी हो चुके है कही अगला नंबर आपका तो नहीं

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नई दिल्ली: बिना किसी चिंता के फोन पर बातें करते रहना वाकई में एक अच्छा एक्सपीरियंस हो  सकता है, पर कई बार ये आपके लिए मुश्किलों का सबब भी बन सकता है। दिल्ली पुलिस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसी साल जनवरी से जुलाई के बीच में ही फोन चोरी के 20,638 मामले दर्ज किये गये और अगर आप इन आंकड़ों पर नजर फेरेंगे तो ये आपके लिए भी ये चिंता की बात लगेगी। फोन चोरी होने का सबसे ज्यादा चांस रोड पर बात करते वक्त होता है। ऐसा इसलिए कि जब कोई राह चलते अपने फोन से बात करता है तो वह अपने फोन को बड़ी ही लापरवाही के साथ पकड़ता है।
जानिए क्या होता है फोन चोरी होने के बाद
हालांकि पुलिस के पास इन मामलों से निपटने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स भी है, जो इन फोन चोरी जैसे या दूसरे मामलों का निपटारा करती है। पुलिस ने बताया कि आपका फोन चोरी होने के बाद सबसे पहले उसे अलग-अलग हिस्सों में कर दिया जाता है। ऐसा दिल्ली पुलिस के ही एक अधिकारी ने बताया। पुलिस के मुताबिक तकरीबन साढ़े चार सौ चोरी किये गये फोन की बरामदगी में इस बात का खुलासा हुआ कि फोन के कई हिस्से अलग-अलग करके रजिस्टर्ड सर्विस  सेंटर पर भी बेचे जाते हैं। ढाई करोड़ से भी ज्यादा की रकम के फोन को एक रिकवरी ऑपरेशन में बरामद करने वाली उत्तरी दिल्ली की डीसीपी मधु वर्मा ने एक निजी अखबार को बताया कि ये फोन सिर्फ ब्लैक मार्केट ही नहीं बल्कि ई-कॉमर्स वेबसाइट जैसे ओएलएक्स और फ्लिपकार्ट पर भी बेचे जाते हैं। तकरीबन एक करोड़ की कीमत के फोन की रिकवरी करने पर दिल्ली पुलिस फ्लिपकार्ट को नोटिस भी दे चुकी है। हालांकि पुलिस ने ये भी बताया है कि मिल सकने की कम संभावना के चलते फोन चोरी के कई मामले तो थाने तक भी नहीं आते। 
मेट्रो या रेलवे स्टेशनों पर होते हैं सबसे ज्यादा फोन चोरी
ऐसी समस्या न सिर्फ आम लोगों को झेलनी पड़ती है बल्कि जागरूक लोग भी कई बार फोन चोरी के मामले दर्ज नहीं कराते। कई मामलों में पुलिस नहीं बल्कि किसी तीसरे आदमी की मदद से लोगों को अपने चोरी हुए फोन हांसिल हुए। पुलिस आमतौर पर आपको मामला दर्ज कर और पता लगाने के बाद सूचना देने की बात कहकर लौटा देती है। ये फोन चोरियां सबसे ज्यादा मेट्रो स्टेशनों पर या रेलवे स्टेशनों पर होती हैं। ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि मोबाइल फोन हल्के होते हैं और उन पर आसानी से हाथ साफ किया जा सकता है। लोगों की कैजुअली बात करने की या लापरवाही से गाने सुनने की आदत ही उन्हें इस प्रॉब्लम में डालती है। कई बार तो शिकायतकर्ता को इस बात का भी अंदाजा नहीं रहता कि उसका फोन असल में चोरी कहां पर हुआ।
जरा सी सावधानी बचा सकती है आपका फोन
इस से बचाव के लिए लोगों को कोशिश करना चाहिये कि फोन पर बात करते हुए भी वो सतर्क रहें और आस पास की हरकतों पर नजर बनाए रखें। अपने फोन को अगर अपनी पॉकेट में भी रख रहे हैं तो उसे चोरों की पहुंच से सुरक्षित रखें और अंधेरे में फोन को हाथों में लेकर न घूमें क्योंकि इस वक्त ही सबसे ज्यादा संभावना होता है कि आपका फोन चोरी हो जाए। 





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