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नई दिल्ली/वाशिंगटन:
अमेरिका के एक थिंक टैंक ने कहा है कि चीन अब भी पाकिस्तान को परमाणु
रिएक्टर बेच रहा है। संगठन ने परमाणु सामग्री के निर्यात को लेकर
अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और स्थापित प्रक्रिया के उल्लंघन पर चिंता जाहिर की
है। यह भारत के लिए भी चिंता का विषय हो सकता है।
बीजिंग का निर्णय चीन को विफल श्रेणी में लाता है
वाशिंगटन के आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन ने
अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा, ‘निर्यात पर नियंत्रण के लिए चीन ने पिछले
कुछ वर्षों में उल्लेखनीय कदम उठाये हैं। हालांकि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह
(एनएसजी) का उल्लंघन करके पाकिस्तान को परमाणु रिएक्टर बेचने और संबद्ध
देशों को मिसाइल तकनीक बेचने का बीजिंग का निर्णय चीन को विफल श्रेणी में
लाता है।’
पाकिस्तान के साथ चीन की नजदीकियां सामने आती रहती हैं
‘परमाणु अप्रसार और निरस्त्रीकरण की
प्रगति का आकलन’ शीषर्क के 2013-2016 के अपने रिपोर्ट कार्ड में संगठन ने
परमाणु हथियार संबंधी निर्यात नियंत्रण को लेकर चीन को ‘एफ’ यानी विफल
ग्रेड दिया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के साथ चीन की नजदीकियां समय-समय पर
सामने आती हैं।
चीन की वजह से टूटा था भारत का यह सपना
गौरतलब है कि भारत के NSG में शामिल होने
की तमाम कोशिशों पर फिलहाल पानी फिर गया था। सियोल में न्यूक्लियर सप्लायर
ग्रुप की बैठक में कई देशों ने भारत का विरोध किया था। इसमें सबसे बड़ी
भूमिका चीन की रह थी। पीएम मोदी से मुलाकात के बावजूद चीन ने एनएसजी में
भारत का खेल खराब कर दिया था। न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप का सदस्य बनने का
भारत का सपना फिलहाल टूट गया है। और इसके पीछे बड़ी वजह है चीन।
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