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आनंदीबेन पटेल के गुजरात के
मुख्यमंत्री पद से हटने संबंधी फैसला लेने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने आज
कहा कि किसी को बलि का बकरा बना देने से भाजपा स्वयं को राज्य में नहीं
बचा पाएगी क्योंकि राज्य के जलने के लिए नरेंद्र मोदी का 13 साल का शासन
जिम्मेदार है।
गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर
कहा, गुजरात के जलने के लिए आनंदीबेन का दो साल का शासन नहीं, बल्कि मोदी
शासन के 13 साल जिम्मेदार हैं। गुजरात की मुख्यमंत्री ने पद से हटने का
फैसला लेते हुए कल कहा था कि अब समय आ गया है कि नया नेतृत्व जिम्मेदारी
संभाले क्योंकि वह जल्द ही 75 वर्ष की होने जा रही हैं।
गुजरात में अगले साल के अंत में विधानसभा
चुनाव होने हैं और कांग्रेस गुजरात के पंचायत चुनावों में ग्रामीण इलाकों
में उसके अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित है। पार्टी पिछले दो दशकों से गुजरात
में सत्ता से बाहर है। राज्य में पाटीदार समुदाय आरक्षण की मांग को लेकर
प्रदर्शन कर रहा है और मृत गाय की खाल निकालने के मामले को लेकर उना में
लोगों के समूह ने दलित समुदाय के सात लोगों पर हमला किया था जिसके बाद दलित
वहां प्रदर्शन कर रहे हैं।
कांग्रेस ने आनंदीबेन के इस्तीफे पर कहा
कि उन्हें काफी पहले ही यह कदम उठा लेना चाहिए था। उसने आरोप लगाया कि
राज्य के दलितों और पाटीदार समुदाय से संबंधित मुद्दों से निपटने में उनकी
विफलता को लेकर इन दोनों समुदायों में बढ़ रहे असंतोष के बावजूद पार्टी
नेतृत्व उन्हें बचाता आ रहा था। कांग्रेस के गुजरात मामलों के महासचिव
गुरूदास कामत ने कहा कि अगर आनंदीबेन को किसी राज्य का राज्यपाल बनाया जाता
है या केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी जाती है तो यह दलितों और पाटीदार
समुदाय के लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने के बराबर होगा।
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