इस बार का सावन और भी स्पेशल, बुर्के वाली महिलाओं ने भी उठाये कांवर

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नई दिल्ली: सावन खत्म होने को है। लेकिन भगवान शिव के भक्तों में जोश अब भी पहले के ही तरह बरकरार है। आज कल के इस शंकरमय माहौल में सोशल मीडिया में एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है। जिसमें कुछ मुस्लिम महिलाएं बुर्के में कांवड़ लेकर कहीं जाती हुई दिख रही हैं। हो सकता है कि आपके भी फेसबुक की टाइमलाइन पर या वॉट्सऐप ग्रुप पर आपके पास भी ये तस्वीर आई हो।
सोशल मीडिया में पोस्ट पर ये दावा किया जा रहा है कि इस बार के सावन में इंदौर में ऐसी ही एक कांवड़ यात्रा निकली थी। ये उसीकी तस्वीरें है। असल में तस्वीर चर्चा में है इसलिए भी है क्योंकि बुर्के में महिलाएं है और कंधे पर कांवड़ है और इसके ऐतिहासिक होने के दावे किए जा रहे हैं। दावा किया जा रहा था कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। लोग मुस्लिम महिलाओं को कांवड़ लेकर जाते देख हैरान हो रहे थे।
वायरल तस्वीर के साथ एक मैसेज भी है जिसमें लिखा है बाबा भोले का जलाभिषेक किया गया है। दावा है कि इंदौर में निकली ये कांवड़ यात्रा हिंदू मुस्लिम एकता की प्रतीक है। सोशल मीडिया पर भोले के भक्तों के बीच ये तस्वीर सुपरहिट भी है। लाखों लोग इस तस्वीर को हाथों हाथ ले रहे हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये तस्वीर सच्ची थी। क्या वाकई में पहली बार मुस्लिम महिलाओं ने भोले बाबा की भक्ति में कंधे पर कांवड़ उठाया था। इस तस्वीर की पड़ताल की गयी तो हमारे हाथ एक वीडियो भी लग गया।
वीडियो में भी तस्वीर की तरह बुर्के में मुस्लिम महिलाएं कांवड़ लिए देखी जा सकती थीं। यही नहीं भोले बाबा के जलाभिषेक के लिए इन मुस्लिम महिलाओं ने मंदिर तक की दूरी नंगे पैर ही पूरी करती हैं, तीन मिनट 27 सेकंड के इस वीडियो में आगे-आगे मुस्लिम महिलाएं बुर्के में कांवड़ उठाए चल रही थी। उनके पीछे लाल रंग की साड़ी पहने कई हिंदू महिलाएं भी हैं आगे-आगे एक लड़की भोले की भक्ति में सराबोर होकर नाच रही है। ये तस्वीर वाकई हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रही है।
तस्वीर देखकर ये तो साफ हो गया है कि बुर्के में मुस्लिम महिलाएं कांवड़ लेकर निकली थीं लेकिन अभी ये पता चलना बाकी था कि ऐसी कांवड़ यात्रा इंदौर में निकली भी थी या नहीं। जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि सद्भाव कांवड़ के नाम से इंदौर में ये यात्रा सचमुच निकाली गई थी। सांझा संस्कृति नाम के एक मंच ने इसका आयोजन भी किया था।  जिसमें हिंदू और मुस्लिम महिलाओं ने हिस्सा लिया था। इस खास कांवड़ यात्रा में 100 से ज्यादा मुस्लिम महिलाएं शामिल हुईं थीं।
हमारी पड़ताल में सामने आया कि वायरल तस्वीर के बारे में जो दावे थे वे सही हैं पहला कि बुर्के में कांवड़ यात्रा निकली और दूसरा कि ये तस्वीर इंदौर की है लेकिन तीसरा दावा सही नहीं है कि ये तस्वीर इसी साल की है ये तस्वीर एक साल पहले 2015 की है। 



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