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नई दिल्ली : चाइनीज़
मांझे से हुई मौतों के बाद अचानक इसको लेकर दिल्ली सरकार और सम्बंधित विभाग
मुस्तैद नज़र आने लगे हैं। चाइनीज मांझे पर दिल्ली में रोक लगा दी गई है। आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया। लेकिन, सवाल यही है कि आखिर
इतनी देर से क्यों जागी दिल्ली सरकार।
चाइनीज़ मांझे से हर साल कई लोगों की मौत होती है
दरसल चाइनीज़ मांझे पर रोक लगाने वाली
याचिका दिल्ली हाइकोर्ट में इसी साल मई महीने में दायर की गयी। याचिका में
कहा गया था कि चाइनीज़ मांझे से हर साल कई लोगों की मौत होती है लिहाजा उस
पर फौरन रोक लगायी जाए। याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाइकोर्ट ने सबसे
पहले 1 जून को दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर इस पर उनका पक्ष माँगा और
मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त के लिए तय कर दी थी।
दिल्ली सरकार को हाइकोर्ट के ज़रिये भी इस गंभीर मुद्दे पर जानकारी
ऐसे में दिल्ली सरकार को हाइकोर्ट के
ज़रिये भी इस गंभीर मुद्दे पर जानकारी 1 जून को ही मिल चुकी थी। दिल्ली
सरकार ने 25 जुलाई को हाईकोर्ट में हलफनामा देकर बताया था कि वो चाइनीज़
मांझे पर रोक लगाने के लिये एक नोटिफिकेशन लाने की तैयारी कर रही है। जिसके
बाद 1 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने एक बार फिर दिल्ली सरकार
से पूछा की आखिर कितना और वक़्त लगेगा चाइनीज़ मांझे पर रोक लगाने में ?
दिल्ली सरकार ने बताया की ड्राफ्ट नोटिफिक्शन तैयार हो गया है
दिल्ली सरकार ने बताया की ड्राफ्ट
नोटिफिक्शन तैयार हो गया है। उसको उपराज्यपाल के पास अनुमति के लिये भेजा
जा रहा है। जैसे ही वो अनुमति मिल जाती है तो उस पर लोगों से सुझाव लेकर 60
दिनों में गैज़ेट नोटिफिकेशन जारी कर चाइनीज़ मांझे पर रोक लगा दी जायेगी। 8
अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाइकोर्ट में
हलफनामा दायर कर कोर्ट को जानकारी दी।
चाइनीज़ और कांच लगे मांझे पर रोक लगायी जायेगी
उन्होंने एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर
दिया है जिसमे कहा गया है कि चाइनीज़ और कांच लगे मांझे पर रोक लगायी
जायेगी। लेकिन, ये रोक इस साल लगाना मुमकिन नहीं है। क्यूंकि अभी इस
नोटिफिकेशन पर सम्बंधित पक्षों का जवाब और सुझाव लिया जा रहा है। एक बार
सुझाव आने के बाद ही उन सुझावों को ध्यान में रखते हुए ही गैज़ेट नोटिफिकेशन
जारी किया जाएगा।
उल्लंघन करने वालों को 5 साल की क़ैद और जुर्माने के प्रावधान
इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में कानून बनने के
बाद इसका उल्लंघन करने वालों को 5 साल की क़ैद और जुर्माने के प्रावधान की
बात की गयी है। 10 अगस्त को हाइकोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगमों समेत
सम्बंधित पक्षों को निर्देश जारी किया। हाइकोर्ट ने अपने निर्देश में कहा
कि दिल्ली सरकार और नगर निगम लोगों को जागरूक करने के लिए एक एडवाइजरी जारी
करें।
पहले इसे लेकर कानून बनाने की तैयारी क्यों नहीं शुरू हुई
एडवाइजरी में लोगों को बताएं की कैसे
चाइनीज़ और कांच वाले मांझे से लोगों को जान तक गंवानी पड़ रही है। कोर्ट ने
इसके साथ ही दिल्ली सरकार से भी कहा कि देखे की कैसे इसको लेकर जल्द से
जल्द कानून बनाया जा सकता है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब दिल्ली सरकार
को जून में पता चल चुका था कि मामला इतना गंभीर है, तो उसी वक़्त इसको लेकर
कानून बनाने की तैयारी क्यों नहीं शुरू की गयी।
पहले ही मांझे पर रोक लगाने वाला कानून लागू हो सकता था
क्योंकि अगर उसी दौरान ड्राफ्ट नोटिफिकेशन
जारी हो जाता और पक्षों को 60 दिन का वक़्त भी दे दिया जाता। तब भी अगस्त
के पहले हफ्ते में चाइनीज़ मांझे पर रोक लगाने वाला कानून लागू हो सकता था। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं और इसके चलते आखिरी हफ्ते तक मामला लटकता रहा और अब
सुध तब आ रही है जब एक बार फिर चाइनीज़ मांझे ने कुछ लोगों की ज़िन्दगी की
डोर काट दी।
मांझे से घायल युवक डेढ़ घण्टे तक सड़क पर पड़ा तड़पता रहा
राजधानी दिल्ली में पतंग के चीनी मांझे ने
एक 19 साल के युवक की जान ले ली। मांझे से घायल युवक डेढ़ घण्टे तक सड़क पर
पड़ा तड़पता रहा लेकिन दो थानों की पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही। मामला
दिल्ली के मिआंवली थाने का है। सबसे दर्दनाक हादसा रानीबाग में हुआ।
तीन साल की मासूम के साथ सबसे दर्दनाक हादसा
रानीबाग में तीन साल की बच्ची सांची गोयल
कार में सवार होकर अपने माता पिता के साथ सफर कर रही थी। सांची मां की गोद
में थी और कार की छत पर जो खिड़की बनी होती है उससे बाहर झांक रही थी।
सांची के पिता गाड़ी चला रहे थे तभी अचानक पतंग का मांझा सांची की गर्दन
में फंस गया और उसकी गर्दन कट गई।
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