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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कद्दावर
नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी की गिरफ्तारी की मांग को दरकिनार करते हुए पार्टी
ने उनका कद और बढा दिया। बसपा सूत्रों ने बताया कि अब उन्हें पूरे राज्य
के मुसलमानों को पार्टी से जोडने की जिम्मेदारी दी गयी है।
इसके साथ ही उनके पुत्र अफजाल सिद्दीकी को
राज्य के कुल 18 में से छह मण्डलों में मुसलमानों के बीच जाने और उन्हें
बसपा से जोडने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी नयी जिम्मेदारियों के
साथ ही उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र और उत्तराखंड के प्रभारी बने
रहेंगे। गौरतलब है कि दयाशंकर सिंह प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी ने
सिद्दीकी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आन्दोलन चला रखा है।
भाजपा से निष्कासित नेता दयाशंकर आत्मसमर्पण कर सकते हैं
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित
हुए नेता दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक की अर्जी खारिज होने के बाद वह
आत्मसमर्पण कर सकते हैं, जिसके मद्देनजर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने के
लिए घेराबंदी तेज कर दी है। इस मामले की अगली सुनवाई आठ अगस्त को होनी है।
लखनऊ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी)
मंजिल सैनी ने बताया कि दो-तीन दिन में पुलिस अदालत से दयाशंकर के खिलाफ
कुर्की का आदेश हासिल कर लेगी। कुर्की के आदेश जारी होने पर दयाशंकर की
मुश्किलें बढ़ जाएंगी। ऐसे में समर्पण करने के अलावा उनके पास दूसरा कोई
रास्ता नहीं बचेगा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को पुलिस टीम सादे
कपड़ों में अदालत के आसपास तैनात की गई।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की पूर्व
मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के बाद दयाशंकर के खिलाफ
हजरतगंज थाने में एससी-एसटी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करायी गई थी,
जिसके बाद से ही दयाशंकर सिंह फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। इस
मामले में दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह ने भी मायावती और बसपा नेता
नसीमुददीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
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