सोने की शर्ट पहनने वाले पंकज पारख का नाम गिनीज बुक में शामिल

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नासिक: ‘द मैन विद द गोल्डन शर्ट’ नाम से मशहूर महाराष्ट्र के मशहूर व्यवसायी और राजनेता पंकज पारख का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स (जीडब्ल्यूआर) में शामिल हो गया है। 
पारख के नाम मंगलवार को जीडब्ल्यूआर सर्टिफिकेट जारी हुआ। जीडब्ल्यूआर में लिखा है कि 47 साल के पारख दुनिया की सबसे महंगी सोने की शर्ट पहनने वाले व्यक्ति हैं। इस शर्ट की कीमत एक अगस्त, 2014 को 98 लाख 35 हजार रुपये थी। 
भावनात्मक पारख ने कहा, “मुझे यकीन नहीं हो रहा है। मैं महाराष्ट्र के सुदूर इलाके से ताल्लुक रखने वाला छोटा व्यक्ति हूं। मुझे खुशी है कि मेरी इस सफलता ने मेरे गांव का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर दिया है।”
स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ने वाले पारख ने गारमेंट फेब्रिकेशन व्यवसाय के माध्यम से अपनी किस्मत बनाई। वह नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के येयोला शहर के उपमेयर हैं। यह नासिक जिले का हिस्सा है। 
पारेख को जिस शर्ट के लिए जीडब्ल्यूआर मिला है, उसका वजन 4.10 किलोग्राम है। आज की तारीख में इसकी कीमत 1.30 करोड़ रुपये है। इस शर्ट के साथ पारख के खजाने में एक सोने की घड़ी, कई सोने की चेन, कई अंगुठियां, एक सोने की मोबाइल कवर और सोने की फ्रेम वाले चश्मे हैं। इन सबका वजन 10 किलोग्राम के करीब है। 
पारख जब भी अपने पूरे सोने के लिबास के साथ येयोला की सड़कों पर निकते हैं, उनके साथ एक लाइसेंसी रिवाल्वर होता है। पारख स्वीकार करते हैं कि येयोला के पुरुष और महिलाएं उन्हें घूरते हैं और किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए वह प्राइवेट सुरक्षाकर्मी लेकर चलते हैं। 
पारख ने कहा, “मैंने इस खास सोने की शर्ट, जिसमें सात सोने के बटन हैं, को दो साल पहले अपने 45वें जन्मदिन पर तैयार किया था। स्कूल के दिनों से ही मुझे सोने से प्यार था और साल दर साल यह प्यार जुनून में तब्दील होता गया।”
पारख की इस शर्ट को बाफना डिजाइनर्स ने तैयार किया तथा इसे पूरी तरह तैयार करने में मुम्बई के परेल के शांति ज्वेलर्स ने भी अहम भूमिका अदा की। 
इसे तैयार करने के लिए 20 कारीगरों ने दो महीनों में 3200 घंटों तक काम किया। इस शर्ट को तैयार करने के लिए 18-22 कैरेट सोने का इस्तेमाल हुआ। 
पारख बताते हैं कि सोने का बना होने के बाद भी यह शर्ट पूरी तरह लचीला है। यह पहनने में काफी आरामदायक है। इसकी निचली सतह कपड़े की है। इससे यह शरीर में चिपकता नहीं और किसी तरह से नुकसान भी नहीं पहुंचाता। यह धोया भी जा सकता है और साथ ही इसे रिपेयर भी किया जा सकता है।  इस शर्ट के निर्माण पर आजीवन गारंटी मिली है। 
दो दशक पहले इसी पारख के पास स्कूल जाने के लिए पैसे नहीं थे। वह कक्षा 8 तक ही पढ़ाई कर सके और फिर येयोला में अपने परिवार के छोटे से कारोबार में शामिल हो गए। 
साल 1982 में पारख ने अपना व्यवसाय शुरू किया और एक दशक बाद वह राजनीति में भी कूद गए।  वह येयोला में म्यूनिसिपल काउंसलर चुने गए। 
पारख कहते हैं, “25 साल पहले मेरी शादी हुई थी। मैं अपनी पत्नी से अधिक गहने पहनकर शादी के लिए गया था। दूसरों के लिए यह काफी अजीब सा दृश्य था।”
पारख की पत्नी प्रतिभा पूरे परिवार का ध्यान रखती हैं और वह अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दे रही हैं।  उनके दो बच्चे-सिद्धार्थ (22) और राहुल (21) हैं। 
परिवार की जरूरतों को पूरी करने के बाद पारख ने बचे हुए धन का उपयोग अपना शौक पूरा करने के लिए किया और इसी की बदौलत वह आज जीडब्ल्यूआर में शामिल हो सके हैं। 
पारख का परिवार उनके इस शौक से इत्तेफाक नहीं रखता और इसे गैरजरूरी जुनून करार देता है और इसे एक लिहाज से नजरअंदाज भी करता है लेकिन उनके रिश्तेदार उन्हें झक्की करार देते हैं। 
येयोला की पहचान पैठानी सिल्क साड़ियों के लिए है। साथ ही यहां की शालू और पिताम्बर साड़ियां भी काफी लोकप्रिय हैं। ये दो ब्रांड देश भर में लोकप्रिय हैं। 
अमीर और लोकप्रिय होने के बाद भी पारख जमीन से जुड़े हैं। वह सबका ध्यान रखते हैं। वह कई तरह की सामाजिक व शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल हैं। 

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