--नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार यदि पत्नी की मौत शादी के सात साल के अंदर हो जाती है और वह संदिग्ध मौत हो तो पति को संपत्ति नहीं मिलेगी. साथ ही शादी के दौरान दिए गए उपहारों पर भी पति का कोई हक नहीं होगा.
चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस एके सिकरी और आर भानुमति ने स्पष्ट किया कि प्राकृतिक मौत के मामले में महिला के उत्तराधिकारी उसकी संपत्ति पर दावे के हकदार होंगे. मगर, यदि शादी के सात साल के अंदर महिला की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत होती है, तो महिला की संपत्ति उसके बच्चों को दी जाएगी.
यदि महिला के बच्चे नहीं हैं, तो उसकी संपत्ति उसके माता-पिता को सौंप दी जाएगी. साथ ही दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 6 के हवाले से बेंच ने कहा कि शादी के तीन महीनो के अंदर दहेज का सामान महिला को सौंप दिया जाना चाहिए. तय समय में ऐसा नहीं करने पर ससुरालीजनों के खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है.
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