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इतना ही नहीं, प्रमुख औद्योगिक प्लॉटों और कमर्शियल फ्लैटों और दुकानों की जांच हो रही है। इस बात की जांच की जा रही है कि किस के नाम है दुकानें और प्लॉट किसके नाम है। इसमें बड़े बंगले और औद्योगिक प्लॉट भी शामिल हैं।
जांच के दौरान पता चला है कि नई दिल्ली के लुटियन जोन में भी कुछ बंगलों का वास्तिवक मालिक कोई है और कुछ बंगले रिश्वत और भ्रष्टाचार की रकमों से खऱीदे गए हैं। एक बंगले को लेकर जांच में ये पता चला है कि वो असली मालिक के सीए के नाम पर खरीदा गया है। ऐसे सभी मामलों की जांच की जा रही है।
कालेधन और भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसते हुए सरकार ने विभागों से सरकारी जमीनों का भी ब्यौरा मांगा है। कहां-कहां हैं अवैध कब्ज़े इसकी लिस्ट तैयार की जा रही है।
इस जांच में आयकर विभाग और अन्य विभागों की मदद ली जा रही है और वेरीफिकेशन का काम किया जा रहा है।
दो सौ से ज्यादा टीमें इन जगहों का सत्यापन और तथ्य जुटाने का काम कर रही है। उसके बाद सरकार कार्रवाई करेगी। बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट 2016 के तहत कार्रवाई होगी।
ये एक्ट एक नवबंर से लागू किया जा चुका है. इसके तहत बेनामी संपत्ति ज़ब्त की जा सकती है और सात साल की सज़ा का भी प्रावधान है।
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नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद अब मोदी सरकार ने कालेधन पर दूसरा
सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए देश के सभी प्रमुख शहरों के हाइवे के पास की
जमीनों के आवंटन की जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही प्रमुख शहरों के
वीआईपी इलाकों में मौजूद जायदादों की भी जांच शुरू की गई है।
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इतना ही नहीं, प्रमुख औद्योगिक प्लॉटों और कमर्शियल फ्लैटों और दुकानों की जांच हो रही है। इस बात की जांच की जा रही है कि किस के नाम है दुकानें और प्लॉट किसके नाम है। इसमें बड़े बंगले और औद्योगिक प्लॉट भी शामिल हैं।
जांच के दौरान पता चला है कि नई दिल्ली के लुटियन जोन में भी कुछ बंगलों का वास्तिवक मालिक कोई है और कुछ बंगले रिश्वत और भ्रष्टाचार की रकमों से खऱीदे गए हैं। एक बंगले को लेकर जांच में ये पता चला है कि वो असली मालिक के सीए के नाम पर खरीदा गया है। ऐसे सभी मामलों की जांच की जा रही है।
कालेधन और भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसते हुए सरकार ने विभागों से सरकारी जमीनों का भी ब्यौरा मांगा है। कहां-कहां हैं अवैध कब्ज़े इसकी लिस्ट तैयार की जा रही है।
इस जांच में आयकर विभाग और अन्य विभागों की मदद ली जा रही है और वेरीफिकेशन का काम किया जा रहा है।
दो सौ से ज्यादा टीमें इन जगहों का सत्यापन और तथ्य जुटाने का काम कर रही है। उसके बाद सरकार कार्रवाई करेगी। बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट 2016 के तहत कार्रवाई होगी।
ये एक्ट एक नवबंर से लागू किया जा चुका है. इसके तहत बेनामी संपत्ति ज़ब्त की जा सकती है और सात साल की सज़ा का भी प्रावधान है।
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