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मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सांसद पत्नी डिंपल यादव
ने फेसबुक पर अखिलेश यादव का एक पेज भी बना दिया।
इस प्रकरण को लेकर कई ग्रुप बेहद सक्रिय नजर आए और यूजरों ने तमाम टॉक प्वाइंट पर न सिर्फ चुटकी ली बल्कि व्यंग्य भी छोड़े। ट्विटर के टॉप ट्रेंड पर भी इस विवाद के किरदार छाये रहे। परसों सोशल मीडिया पर चली चटखारेबाजी सोमवार को चरम पर पहुंचती नजर आई।
अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव भी सोशल मीडिया वार में उतर आई हैं। ‘कहो दिल से, अखिलेश फिर से’ नारे के साथ सांसद डिंपल का पेज बना है। उस पर सवाल है कि मैं उत्तर प्रदेश की जनता से पूछना चाहती हूं कि क्या वह 2017 में अखिलेश को फिर से मुख्यमंत्री बनाएगी।जवाब हां-ना में देना है। हजारों लोग इसे लाइक कर चुके हैं।
अखिलेश व शिवपाल प्रकरण में फेसबुक पर जमकर चटखारेबाजी चली। कुछ ने राय भी दी कि अखिलेश अगर जोखिम लेंगे तो फायदे में रहेंगे क्योंकि खतरा उठाने पर कुछ पाने की भी उतनी ही संभावना रहती है जितनी जाने की। कंफर्ट जोन में तो सिर्फ तनाव मिलेगा।
पूर्व आइएएस एसपी सिंह ने कमेंट किया-‘अब राम गोपाल का खलनायकी चिट्ठी बम।’ राम जन्म पाठक की प्रतिक्रिया थी- ‘तैयार है मुगलिया दरबार। बूढ़े बादशाह की सल्तनत आंखों के सामने खिसक रही है। इसके बाद फरजंद अव्वल ने अपने वालिदे-अव्वल को चुनौती दी है, क्योंकि परकोटे के पीछे बेगम दोयम एक पुराने दरबारी और खानदान के कुछ चाचाओं के साथ गहरी साजिश में मुब्तिला हैं।
एसपी सिंह ने जवाब में लिखा-‘अभी रियाया और दरबारी एक-दूसरे को परख रहे हैं। मजा केवल वो ले रहे हैं जो न उनके कभी रियाया रहे न ही दरबारी।
एक और रोचक कमेंट किया गया ‘उत्तर प्रदेश में नई फिल्म लांच..धधकते रिश्ते। मुख्य भूमिका अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, अमर सिंह, डॉ रामगोपाल। प्रोड्यूसर मुलायम सिंह यादव। यूपी में शादी के कार्ड में किस रिश्तेदार का नाम छपेगा, इस पर बवाल हो जाता है फिर सत्ता के लिए इत्ती मार कुटव्वल तो यहां बनती ही है -प्रमिला दीक्षित।
शाहजहां ने मां के खिलाफ विद्रोह नहीं किया होता तो बादशाह नहीं बन पाता -डा. आलोक।
अखिलेश की इमेज बिल्डिंग के लिए शिवपाल यादव से नूराकुश्ती। खेल अच्छा है, अखिलेश को साफ सुथरे, नयी सोच वाले चेहरे के रुप में प्रोजेक्ट करने का -अनुराग ढांडा। यदि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शिवपाल यादव को दुबारा उनसे वापिस लिये गये विभाग लौटा देते हैं तो अविश्वसनीय और कठपुतली मुख्यमंत्री माने -जेपीएन।
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समाजवादी कुनबे की लड़ाई में शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश के बीच माइक की
छीना-झपटी और आरोप-प्रत्यारोप ने सोशल मीडिया को नया मसाला दे दिया। दिन भर
ट्विटर और फेसबुक पर इस मसले को लेकर टिप्पणियां आती रहीं।
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मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सांसद पत्नी डिंपल यादव
ने फेसबुक पर अखिलेश यादव का एक पेज भी बना दिया।
इस प्रकरण को लेकर कई ग्रुप बेहद सक्रिय नजर आए और यूजरों ने तमाम टॉक प्वाइंट पर न सिर्फ चुटकी ली बल्कि व्यंग्य भी छोड़े। ट्विटर के टॉप ट्रेंड पर भी इस विवाद के किरदार छाये रहे। परसों सोशल मीडिया पर चली चटखारेबाजी सोमवार को चरम पर पहुंचती नजर आई।
अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव भी सोशल मीडिया वार में उतर आई हैं। ‘कहो दिल से, अखिलेश फिर से’ नारे के साथ सांसद डिंपल का पेज बना है। उस पर सवाल है कि मैं उत्तर प्रदेश की जनता से पूछना चाहती हूं कि क्या वह 2017 में अखिलेश को फिर से मुख्यमंत्री बनाएगी।जवाब हां-ना में देना है। हजारों लोग इसे लाइक कर चुके हैं।
अखिलेश व शिवपाल प्रकरण में फेसबुक पर जमकर चटखारेबाजी चली। कुछ ने राय भी दी कि अखिलेश अगर जोखिम लेंगे तो फायदे में रहेंगे क्योंकि खतरा उठाने पर कुछ पाने की भी उतनी ही संभावना रहती है जितनी जाने की। कंफर्ट जोन में तो सिर्फ तनाव मिलेगा।
पूर्व आइएएस एसपी सिंह ने कमेंट किया-‘अब राम गोपाल का खलनायकी चिट्ठी बम।’ राम जन्म पाठक की प्रतिक्रिया थी- ‘तैयार है मुगलिया दरबार। बूढ़े बादशाह की सल्तनत आंखों के सामने खिसक रही है। इसके बाद फरजंद अव्वल ने अपने वालिदे-अव्वल को चुनौती दी है, क्योंकि परकोटे के पीछे बेगम दोयम एक पुराने दरबारी और खानदान के कुछ चाचाओं के साथ गहरी साजिश में मुब्तिला हैं।
एसपी सिंह ने जवाब में लिखा-‘अभी रियाया और दरबारी एक-दूसरे को परख रहे हैं। मजा केवल वो ले रहे हैं जो न उनके कभी रियाया रहे न ही दरबारी।
एक और रोचक कमेंट किया गया ‘उत्तर प्रदेश में नई फिल्म लांच..धधकते रिश्ते। मुख्य भूमिका अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, अमर सिंह, डॉ रामगोपाल। प्रोड्यूसर मुलायम सिंह यादव। यूपी में शादी के कार्ड में किस रिश्तेदार का नाम छपेगा, इस पर बवाल हो जाता है फिर सत्ता के लिए इत्ती मार कुटव्वल तो यहां बनती ही है -प्रमिला दीक्षित।
शाहजहां ने मां के खिलाफ विद्रोह नहीं किया होता तो बादशाह नहीं बन पाता -डा. आलोक।
अखिलेश की इमेज बिल्डिंग के लिए शिवपाल यादव से नूराकुश्ती। खेल अच्छा है, अखिलेश को साफ सुथरे, नयी सोच वाले चेहरे के रुप में प्रोजेक्ट करने का -अनुराग ढांडा। यदि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शिवपाल यादव को दुबारा उनसे वापिस लिये गये विभाग लौटा देते हैं तो अविश्वसनीय और कठपुतली मुख्यमंत्री माने -जेपीएन।
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