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कुछ महीने बाद यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए चुनाव आयोग ने कवायद शुरू कर दी है। आयोग अलग-अलग जिलों में जिम्मेदार अफसरों के साथ बैठक कर रणनीति बना रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार पुलिस स्टेशन लेवल की निगरानी बहुत सख्त तरीके से की जाएगी, क्योंकि चुनाव आयोग का मानना है कि पुलिस स्टेशन स्तर पर यदि प्रभावी कार्रवाई होगी तो हमारे सारे चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र होंगे।
बीएसपी और समाजवादी पार्टी की सरकारों पर ये आरोप लगते रहे हैं कि सत्ता में आने पर विशेष जातियों के पुलिस वालों को सारे प्रमुख थानों का इंचार्ज बना देती हैं। अखिलेश सरकार पर भी एक विशेष जाति के थानेदार बहाल करने का आरोप है। चुनाव आयोग को शक है कि सरकार मनपसंद थानेदारों से चुनाव को प्रभावित कर सकती है, वरना क्या कारण है कि जिन थानों का इंचार्ज इंस्पेक्टर को होना चाहिए, वहां सब-इंस्पेक्टर इंचार्ज है?
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि जिन बड़े-बड़े पुलिस थानों में इंस्पेक्टर को इंचार्ज होना चाहिए, वहां सब-इंस्पेक्टर इंचार्ज हैं। आखिर क्या वजह है इसकी अगर इसे ठीक नहीं किया गया तो इलेक्शन कमीशन सख्त रुख अख्तियार करेगा।
यूपी के डीजीपी जावीद अहमद ने एनडीटीवी से कहा कि थानों से कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। अभी त्योहारों का मौसम है, ऐसे में फौरन थानों में बड़ा फेरबदल मुनासिब नहीं होगा। चुनाव आयोग ने भी हमें त्योहार खत्म होने तक की मोहलत दी है. उसके बाद उनकी हिदायत पर अमल होगा।
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लखनऊ: चुनाव आयोग अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य
के थानों की निगरानी करेगा, क्योंकि उसे शक है कि थाने ही चुनाव में
गड़बड़ी के सबसे बड़े अड्डे हैं। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने
लखनऊ में कहा कि चुनावों में उनका सारा फोकस थानों पर होगा। अगर थाने सही
नहीं होंगे तो चुनाव सही नहीं होगा।
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कुछ महीने बाद यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए चुनाव आयोग ने कवायद शुरू कर दी है। आयोग अलग-अलग जिलों में जिम्मेदार अफसरों के साथ बैठक कर रणनीति बना रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार पुलिस स्टेशन लेवल की निगरानी बहुत सख्त तरीके से की जाएगी, क्योंकि चुनाव आयोग का मानना है कि पुलिस स्टेशन स्तर पर यदि प्रभावी कार्रवाई होगी तो हमारे सारे चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र होंगे।
बीएसपी और समाजवादी पार्टी की सरकारों पर ये आरोप लगते रहे हैं कि सत्ता में आने पर विशेष जातियों के पुलिस वालों को सारे प्रमुख थानों का इंचार्ज बना देती हैं। अखिलेश सरकार पर भी एक विशेष जाति के थानेदार बहाल करने का आरोप है। चुनाव आयोग को शक है कि सरकार मनपसंद थानेदारों से चुनाव को प्रभावित कर सकती है, वरना क्या कारण है कि जिन थानों का इंचार्ज इंस्पेक्टर को होना चाहिए, वहां सब-इंस्पेक्टर इंचार्ज है?
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि जिन बड़े-बड़े पुलिस थानों में इंस्पेक्टर को इंचार्ज होना चाहिए, वहां सब-इंस्पेक्टर इंचार्ज हैं। आखिर क्या वजह है इसकी अगर इसे ठीक नहीं किया गया तो इलेक्शन कमीशन सख्त रुख अख्तियार करेगा।
यूपी के डीजीपी जावीद अहमद ने एनडीटीवी से कहा कि थानों से कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। अभी त्योहारों का मौसम है, ऐसे में फौरन थानों में बड़ा फेरबदल मुनासिब नहीं होगा। चुनाव आयोग ने भी हमें त्योहार खत्म होने तक की मोहलत दी है. उसके बाद उनकी हिदायत पर अमल होगा।
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