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नई दिल्ली : एयर इंडिया में फर्जी हेल्थ सर्टिफिकेट देकर जहाज उड़ाने वाले पायलेट के बारे में खुलासा हुआ है। प्रबंधन को जैसे ही इस बात का पता चला, पायलेट को जहाज उड़ाने से रोक दिया गया। यह काफी चौंकाने वाली घटना है क्योंकि, इससे यात्रियों के लिए भी खतरा हो सकता था।
अधिकारी ने कहा है कि इस तरह का मामला पहली दफा सामने आया है। अधिकारी ने कहा कि रूटीन जांच में कुछ गड़बड़ी के बाद पायलट को कुछ अन्य टेस्ट कराने की सलाह दी गई थी।
लेकिन, ऐसा करने के बजाय उसने बैंगलोर में जाकर किसी निजी डाक्टर से फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाया और जमा कर दिया। जबतक इसका पता चला वह फ्लाईट उड़ाने भी लगा था। पूरा मामला डीजीसीए (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) को भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि एयर इंडिया के हर पायलेट को प्रतिवर्ष मेडिकल जांच करानी पड़ती है। 40 वर्ष से ऊपर के पायलेट को यह जांच साल में दो बार करानी पड़ती है. यह जांच या तो एयरफोर्स सेंटर में होती है या डीजीसीए की ओर से प्रमाणित चुनिंदा अस्पतालों में।
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नई दिल्ली : एयर इंडिया में फर्जी हेल्थ सर्टिफिकेट देकर जहाज उड़ाने वाले पायलेट के बारे में खुलासा हुआ है। प्रबंधन को जैसे ही इस बात का पता चला, पायलेट को जहाज उड़ाने से रोक दिया गया। यह काफी चौंकाने वाली घटना है क्योंकि, इससे यात्रियों के लिए भी खतरा हो सकता था।
अधिकारी ने कहा है कि इस तरह का मामला पहली दफा सामने आया है। अधिकारी ने कहा कि रूटीन जांच में कुछ गड़बड़ी के बाद पायलट को कुछ अन्य टेस्ट कराने की सलाह दी गई थी।
लेकिन, ऐसा करने के बजाय उसने बैंगलोर में जाकर किसी निजी डाक्टर से फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाया और जमा कर दिया। जबतक इसका पता चला वह फ्लाईट उड़ाने भी लगा था। पूरा मामला डीजीसीए (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) को भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि एयर इंडिया के हर पायलेट को प्रतिवर्ष मेडिकल जांच करानी पड़ती है। 40 वर्ष से ऊपर के पायलेट को यह जांच साल में दो बार करानी पड़ती है. यह जांच या तो एयरफोर्स सेंटर में होती है या डीजीसीए की ओर से प्रमाणित चुनिंदा अस्पतालों में।
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