कोर्ट ने सुनाया फैसला - दो वयस्को की रजामंदी से सेक्स करना कोई अपराध नहीं

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नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने बलात्कार और महिला पर हमले के आरोपी एक व्यक्ति को बरी करते हुए कहा कि दो वयस्कों के बीच उनकी रजामंदी से शारीरिक संबंध कोई अपराध नहीं है। जब महिला ने अदालत से कहा कि उसके माता पिता ने उसे जबरन थाने ले जाकर आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई तो अदालत ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरोपी ने 22 साल की महिला को धमकी दी या उसे निर्वस्त्र किया।
महिला ने अदालत को बताया था कि दोनों के बीच शारीरिक संबंध उनकी रजामंदी से बनाए गए थे और उनकी शादी की बात चल रही थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरिता बीरबल ने कहा कि महिला पूरे मामले के दौरान 18 वर्ष की उम्र से अधिक की थी। अलग-अलग लिंग के दो वयस्कों के बीच रजामंदी से यौन संबंध कोई अपराध नहीं है। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरोपी ने महिला को निर्वस्त्र किया या उसे धमकी दी या चोट पहुंचाई।
अदालत ने कहा कि महिला ने उसके सामने गवाही दी है कि व्यक्ति ने महिला की मर्जी से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए क्याोंकि उनके बीच प्रेम था और वे एक दूसरे से शादी करना चाहते थे। अदालत ने कहा कि महिला ने आरोपी को आरोपों से पूरी तरह से मुक्त किया और गवाही में ऐसा कुछ नहीं कहा जिससे वह दोषी साबित होता हो। शिकायत में लड़के पर आरोप लगाने वाली महिला ने हालांकि अदालत में अपना बयान बदलकर गवाही दी कि वह लड़के से प्रेम करती थी और जब इस बारे में उसके परिवार को पता चला तो वे उसे जबरन थाने में ले गये और उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।




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