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बुधवार को हड़ताल से हुुआ था 900 करोड़ का नुकसान
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लखनऊ.राज्य कर्मचारियों ने यूपी सरकार के साथ बातचीत के बाद
गुरुवार रात अपनी हड़ताल को खत्म कर दिया। इस दौरान दो दिन में करीब 2000
करोड़ का नुकसान का अनुमान है। बता दें, जहां कुछ विभागों में कर्मचारी आज
हड़ताल पर रहे और ऑफिसों में ताले लटके रहे तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऑफिसों
में राज्य कर्मचारी काम करते नजर आए।
कलेक्ट्रेट में हुआ काम
- राज्य कर्मचारियों की हड़ताल के बीच कलेक्ट्रेट में काम भी हुआ।
- कर्मचारी अपने-अपने ऑफिसों में पहुंचे और फाइलों का काम निपटाने में लगे रहे।
- कुछ कर्मचारी ऑफिसों में थे तो कुछ की कुर्सी खाली पड़ी रही।
- यहां काम कर रहे कर्मचारियों का कहना था कि हम तो रोजाना की तरह ही काम कर रहे हैं। हमारी यूनियन इस हड़ताल में शामिल नहीं हुई है।
- कर्मचारी अपने-अपने ऑफिसों में पहुंचे और फाइलों का काम निपटाने में लगे रहे।
- कुछ कर्मचारी ऑफिसों में थे तो कुछ की कुर्सी खाली पड़ी रही।
- यहां काम कर रहे कर्मचारियों का कहना था कि हम तो रोजाना की तरह ही काम कर रहे हैं। हमारी यूनियन इस हड़ताल में शामिल नहीं हुई है।
राजस्व परिषद में हुई लोगों की सुनवाई
- राजस्व परिषद में भी हड़ताल का मिला-जुला असर दिखा।
- ज्यादातर अधिकारी अपने-अपने ऑफिस आए हुए थे, लोगों की यहां पर भीड़ लगी थी।
- बाबू भी फाइलों को इधर-उधर करने में लगे थे। हड़ताल होने के बावजूद यहां पर कामकाज सामान्य दिखा।
- ज्यादातर अधिकारी अपने-अपने ऑफिस आए हुए थे, लोगों की यहां पर भीड़ लगी थी।
- बाबू भी फाइलों को इधर-उधर करने में लगे थे। हड़ताल होने के बावजूद यहां पर कामकाज सामान्य दिखा।
समाज कल्याण विभाग में लटके रहे ताले
- समाज कल्याण विभाग में भी कई ऑफिसों में ताले लटके रहे।
- हड़ताल के चलते कर्मचारी ऑफिस से नदारद रहे।
- कुछ कर्मचारी आए भी, तो वे ऑफिस में आराम ही फरमाते रहे।
- सहारनपुर से आए राम सिंह को अपने कुछ दस्तावेज जमा करने थे, लेकिन बाबुओं के न होने पर उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
- वहीं, कुछ लोग स्कॉलरशिप के लिए आए, जो ताला लटका देखकर लौट गए।
- इसके अलावा आरटीओ, रजिस्ट्री ऑफिस, गन्ना संस्थान, पीडब्लूडी, सिंचाई विभाग जैसे ऑफिसों में भी हड़ताल का पूरा असर रहा।
- हड़ताल के चलते कर्मचारी ऑफिस से नदारद रहे।
- कुछ कर्मचारी आए भी, तो वे ऑफिस में आराम ही फरमाते रहे।
- सहारनपुर से आए राम सिंह को अपने कुछ दस्तावेज जमा करने थे, लेकिन बाबुओं के न होने पर उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
- वहीं, कुछ लोग स्कॉलरशिप के लिए आए, जो ताला लटका देखकर लौट गए।
- इसके अलावा आरटीओ, रजिस्ट्री ऑफिस, गन्ना संस्थान, पीडब्लूडी, सिंचाई विभाग जैसे ऑफिसों में भी हड़ताल का पूरा असर रहा।
जांच और दवाओं को लेकर तरसे मरीज
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वेतन विसंगति सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल में शामिल लैब टेक्निशियन,
रेडियोलॉजिस्ट, नर्सिंग स्टाफ के चलते दूसरे दिन भी सभी बड़े अस्पतालों
में जांच का काम ठप रहा।
- कुछ अस्पतालों में टेक्निशियन हड़ताल पर रहे तो वहां रेडियोलॉजिस्ट काम करते मिले।
- हड़ताल के बीच डॉक्टरों ने ओपीडी में मरीजों को देखा, लेकिन जांच न होने से मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा।
- सुबह 8 बजे से लेकर 11 बजे तक सारी जांचें ठप रही।
इन विभागों में हुआ घाटा
- विभाग के अधिकारियों की मानें तो काम न होने से रजिस्ट्री ऑफिस में करीब 150 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।
- आरटीओ में डीएल और टैक्स का काम ठप होने से सरकार को करीब 200 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।
- वहीं, सेल्स टैक्स में करीब 275 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
- पीडब्लूडी और सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से कई साईट पर काम बंद हो गया।
- अलग-अलग तहसीलों में भी काम प्रभावित हुआ, जिसकी वजह से सरकार को 50 करोड़ का नुकसान हुआ है।
- वहीं, सेल्स टैक्स में करीब 275 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
- पीडब्लूडी और सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से कई साईट पर काम बंद हो गया।
- अलग-अलग तहसीलों में भी काम प्रभावित हुआ, जिसकी वजह से सरकार को 50 करोड़ का नुकसान हुआ है।
- आबकारी विभाग को 250 करोड़ का नुकसान हुआ है।
इन मांगों के लिए थी हड़ताल
- पहले की तरह ही जिस विभाग का कर्मचारी हो, उसी विभाग से स्वीकृत किया जाए।
- फोर्थ क्लास की बंद भर्तियों पर लगी रोक हटाई जाए।
- केंद्रीय कर्मचारियों के समान राज्य कर्मचारी को भी एचआरए मिले।
- पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए।
- फील्ड कर्मचारियों को काम के आधार पर मोटरसाइकिल भत्ता दिया जाए।
- ठेकेदारी व्यवस्था को खत्म करके सीधी भर्ती शुरू हो।
- सभी राज्य कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाए।
- ठेकेदारी प्रथा को खत्म करके सीधी भर्ती की प्रकिया फिर से शुरू की जाए।
- राज्य कर्मचारियों को 8,16,20 साल की कुल सेवा के आधार पर 3 पदोन्नति दी जाए।
- निगमों में घाटे होने पर कर्मचारियों के खाते से पैसा काटने की व्यवस्था को बंद किया जाए।
- सफाईकर्मियों को प्रधानों से मुक्त कर प्रोन्नति दी जाए।
- नायब तहसीलदार के पदों पर राजस्व संग्रह अमीनों की सीधे प्रोन्नति हो।
- फोर्थ क्लास की बंद भर्तियों पर लगी रोक हटाई जाए।
- केंद्रीय कर्मचारियों के समान राज्य कर्मचारी को भी एचआरए मिले।
- पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए।
- फील्ड कर्मचारियों को काम के आधार पर मोटरसाइकिल भत्ता दिया जाए।
- ठेकेदारी व्यवस्था को खत्म करके सीधी भर्ती शुरू हो।
- सभी राज्य कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाए।
- ठेकेदारी प्रथा को खत्म करके सीधी भर्ती की प्रकिया फिर से शुरू की जाए।
- राज्य कर्मचारियों को 8,16,20 साल की कुल सेवा के आधार पर 3 पदोन्नति दी जाए।
- निगमों में घाटे होने पर कर्मचारियों के खाते से पैसा काटने की व्यवस्था को बंद किया जाए।
- सफाईकर्मियों को प्रधानों से मुक्त कर प्रोन्नति दी जाए।
- नायब तहसीलदार के पदों पर राजस्व संग्रह अमीनों की सीधे प्रोन्नति हो।
बुधवार को हड़ताल से हुुआ था 900 करोड़ का नुकसान
- बता दें, बुधवार को हड़ताल के चलते करीब 200 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ था।
- नए रजिस्ट्रेशन, टैक्स समायोजन, कर निर्धारण ठप होने से विभाग को करीब 400 करोड़ के नुकसान होने की बात सामने आई थी।
- यूपी एसोचैम के कार्यवाहक प्रेसिडेंट विजय आचार्य ने बताया था कि सरकार के 16 लाख कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पूरी सरकारी मशीनरी चरमरा गई है।
- सभी विभागों का काम प्रभावित हुआ है। अनुमान है कि बुधवार को करीब 900 करोड़ रुपए का सरकार को घाटा हुआ होगा।
- वहीं, कर्मचारी नेता हरिकिशोर तिवारी ने बताया था कि हमने जो आकलन किया है, उसके हिसाब से सरकार को 700 से 800 करोड़ रुपए का पहले दिन घाटा हुआ है।
- नए रजिस्ट्रेशन, टैक्स समायोजन, कर निर्धारण ठप होने से विभाग को करीब 400 करोड़ के नुकसान होने की बात सामने आई थी।
- यूपी एसोचैम के कार्यवाहक प्रेसिडेंट विजय आचार्य ने बताया था कि सरकार के 16 लाख कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पूरी सरकारी मशीनरी चरमरा गई है।
- सभी विभागों का काम प्रभावित हुआ है। अनुमान है कि बुधवार को करीब 900 करोड़ रुपए का सरकार को घाटा हुआ होगा।
- वहीं, कर्मचारी नेता हरिकिशोर तिवारी ने बताया था कि हमने जो आकलन किया है, उसके हिसाब से सरकार को 700 से 800 करोड़ रुपए का पहले दिन घाटा हुआ है।
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